प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने तमिलनाडु के गंगईकोंडा चोलपुरम में आयोजित ‘आदि तिरुवधिरै’ उत्सव के समापन समारोह में हिस्सा लेते हुए ऐतिहासिक घोषणाएं कीं। यह उत्सव महान चोल सम्राट राजेंद्र चोल के जन्मोत्सव के उपलक्ष्य में मनाया जाता है।
इस अवसर पर पीएम मोदी ने चोल साम्राज्य के दो महान शासकों — राजराजा चोल और उनके पुत्र राजेंद्र चोल — की स्मृति में प्रतिमाएं स्थापित करने की घोषणा की। उन्होंने कहा कि इन मूर्तियों को गंगईकोंडा चोलपुरम में स्थापित किया जाएगा, जो तमिल सांस्कृतिक और ऐतिहासिक विरासत का प्रतीक स्थल है।
पीएम मोदी ने इस दौरान तमिल सम्राट राजेंद्र चोल की स्मृति में एक स्मारक सिक्का (commemorative coin) भी जारी किया। उन्होंने कहा कि चोल सम्राटों का योगदान न केवल दक्षिण भारत, बल्कि पूरे दक्षिण-पूर्व एशिया में भारतीय संस्कृति, समुद्री व्यापार और प्रशासनिक कौशल के प्रचार में महत्वपूर्ण रहा है।
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प्रधानमंत्री ने अपने भाषण में तमिल सभ्यता की गौरवशाली परंपराओं का उल्लेख करते हुए कहा कि भारत को अपनी प्राचीन संस्कृति और इतिहास पर गर्व है। उन्होंने यह भी कहा कि केंद्र सरकार तमिल संस्कृति और विरासत के संवर्धन के लिए लगातार प्रयासरत है।
इस समारोह में बड़ी संख्या में लोग उपस्थित थे और पूरे कार्यक्रम का सीधा प्रसारण किया गया।
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