बिहार विधानसभा चुनाव में राजद (RJD) को बड़ी हार का सामना करना पड़ा, लेकिन पार्टी का पारंपरिक मुस्लिम-यादव (M-Y) वोट बैंक इस चुनाव में भी मजबूती से उसके साथ खड़ा नजर आया। Ascendia Strategies द्वारा किए गए विश्लेषण के मुताबिक महागठबंधन के कुल वोट शेयर का 60% हिस्सा मुस्लिम और यादव वोटरों से मिला।
विश्लेषण में बताया गया कि तेजस्वी यादव के नेतृत्व वाले विपक्षी गठबंधन को कुल 38% वोट मिले, जिसमें से 10% यादव समुदाय से और 13% मुस्लिमों से आए। यह संकेत है कि भले ही चुनावी नतीजे महागठबंधन के पक्ष में न रहे हों, लेकिन RJD का कोर वोट बैंक अभी भी वफादार बना हुआ है।
इसके विपरीत, एनडीए को इस चुनाव में ऐतिहासिक सफलता मिली और उसने 243 में से 202 सीटों पर जीत दर्ज की। एनडीए के 47% कुल वोट शेयर में यादवों का योगदान सिर्फ 3% और मुसलमानों का मात्र 2% रहा।
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विश्लेषण के अनुसार, सामान्य श्रेणी के मतदाताओं ने बड़ी संख्या में एनडीए को चुना। एनडीए के कुल वोटों में 7% सामान्य वर्ग से थे, जबकि महागठबंधन को सिर्फ 2% ही मिले।
गैर-यादव ओबीसी मतदाताओं ने भी बड़े पैमाने पर एनडीए का साथ दिया। एनडीए को अपने कुल वोट शेयर का 7% इसी समुदाय से मिला, जबकि महागठबंधन को केवल 3%।
सबसे महत्वपूर्ण समर्थन एनडीए को EBC-SC-ST समूह से मिला, जिसने उसके कुल वोटों में 60% योगदान दिया। इनमें से 15% EBC, 13% SC-ST समुदाय से मतदान हुआ। इसके मुकाबले, महागठबंधन को EBC से केवल 6% और SC-ST से मात्र 4% वोट मिले।
कुल मिलाकर, नतीजे बताते हैं कि RJD का कोर समर्थन अभी बरकरार है, लेकिन अन्य सामाजिक वर्गों का झुकाव एनडीए की ओर अधिक रहा।
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