पश्चिम बंगाल में विजयादशमी का पर्व बड़े धूमधाम और पारंपरिक रीति-रिवाजों के साथ मनाया गया। गुरुवार को दुर्गा पूजा के समापन पर राज्यभर में गोट विसर्जन और सिंदूर खेला की रस्में अदा की गईं। हालांकि, बारिश ने इस उल्लास में थोड़ी बाधा जरूर डाली, फिर भी श्रद्धालु और भक्त उत्साह से जुड़ते रहे।
कोलकाता के कई प्रमुख पंडालों, जैसे बागबाजार और कुम्हारटुली सरबजनिक में बड़ी संख्या में महिलाएं लाल बॉर्डर वाली साड़ियों में सजकर शामिल हुईं। उन्होंने सिंदूर खेला में भाग लिया और देवी दुर्गा को सिंदूर अर्पित किया। इस मौके पर राज्य की मंत्री शशि पांजा भी मौजूद रहीं। सिंदूर खेला, जो विवाहित महिलाओं द्वारा परिवार की खुशहाली और कल्याण की कामना के प्रतीक के रूप में मनाया जाता है, ने पूरे माहौल को और भी रंगीन बना दिया।
त्योहार का समापन भावुक विदाई के साथ हुआ, जहां भक्तों ने मां दुर्गा से अगले वर्ष फिर लौटने की प्रार्थना की। अब प्रशासन और आयोजक बारिश के बीच सुरक्षित विसर्जन की तैयारियों में जुट गए हैं। साथ ही, पर्यावरण को ध्यान में रखते हुए गोट विसर्जन को अधिक से अधिक प्रतीकात्मक और नदी प्रदूषण से बचाने पर जोर दिया जा रहा है। यह विजयादशमी बंगालवासियों के लिए आस्था, परंपरा और परिवार की एकजुटता का संदेश छोड़ गई।
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