चेन्नई में आयोजित अग्रहम फाउंडेशन की 15वीं वर्षगांठ समारोह के दौरान अभिनेता कमल हासन के सनातन धर्म को लेकर दिए गए बयान ने राजनीतिक और सामाजिक हलकों में विवाद खड़ा कर दिया है। अग्रहम फाउंडेशन अभिनेता सूर्या का चैरिटेबल संगठन है, जो शिक्षा और सामाजिक सुधारों के लिए काम करता है।
कार्यक्रम में बोलते हुए कमल हासन ने कहा कि "केवल शिक्षा ही सनातन धर्म की जंजीरों को तोड़ सकती है।" उनके इस बयान को कई धार्मिक संगठनों और राजनीतिक दलों ने सनातन धर्म पर सीधा हमला बताया है।
विरोधियों का कहना है कि कमल हासन ने जानबूझकर सनातन धर्म को नकारात्मक रूप में प्रस्तुत किया है और यह हिंदू धर्म की परंपराओं और मान्यताओं का अपमान है। कुछ संगठनों ने उनके खिलाफ माफी मांगने की मांग उठाई है।
हालांकि, कमल हासन के समर्थकों का कहना है कि उनका बयान किसी धर्म का अपमान नहीं, बल्कि सामाजिक समानता और शिक्षा को बढ़ावा देने पर केंद्रित था। उनका मानना है कि शिक्षा ही जातिवाद और सामाजिक भेदभाव जैसी समस्याओं को खत्म करने का सबसे मजबूत माध्यम है।
यह पहली बार नहीं है जब कमल हासन ने धार्मिक या सामाजिक मुद्दों पर बयान देकर विवाद खड़ा किया है। वह पहले भी कई बार कट्टरवाद और असमानता के खिलाफ खुलकर बोल चुके हैं।