भारतीय तीरंदाज अंकिता भकत ने 2025 में ऐसा प्रदर्शन किया, जिसने विश्व तीरंदाजी में दक्षिण कोरिया के लंबे समय से चले आ रहे वर्चस्व को चुनौती दी। पेरिस ओलंपिक में चौथा स्थान हासिल करने के बाद, अंकिता के लिए 2025 आत्ममंथन और तकनीक में सुधार का वर्ष रहा। उन्होंने व्यक्तिगत स्पर्धाओं में बेहतर परिणाम पाने के लिए अपने खेल के हर पहलू पर काम किया। अब नया साल उनके लिए और भी बड़े लक्ष्यों की परीक्षा लेकर आ रहा है, जिसमें एशियन गेम्स में दमदार प्रदर्शन सबसे अहम होगा।
2025 भारतीय खेलों में खासतौर पर युवा महिला खिलाड़ियों के लिए ऐतिहासिक रहा। ये खिलाड़ी सिर्फ मुकाबला नहीं कर रहीं थीं, बल्कि लगातार जीत हासिल कर तिरंगा ऊंचा कर रही थीं। तीरंदाजी में अंकिता भकत ने कोरिया जैसी महाशक्ति को चुनौती देकर यह दिखा दिया कि भारत अब इस खेल में भी शीर्ष स्तर पर पहुंच चुका है।
इसी वर्ष श्री चरणी ने अपने शांत और सटीक नियंत्रण से सबको प्रभावित किया, जबकि शीतल देवी ने अदम्य साहस और जुझारूपन की मिसाल पेश की। शतरंज की दुनिया में दिव्या देशमुख ने अपनी चालों से विरोधियों को चौंकाया। बैडमिंटन में उन्नति हुड्डा और तन्वी शर्मा ने नई पीढ़ी की शुरुआत का संकेत दिया। शूटिंग रेंज में ‘फोगाट’ उपनाम की नई पहचान बनीं सुरुचि ने शानदार प्रदर्शन किया।
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बॉक्सिंग रिंग में प्रीति पंवार की ताकत और सटीकता देखने लायक रही, वहीं कुश्ती में अंतिम पंघाल ने यह याद दिलाया कि मैट पर उनका दबदबा अब भी कायम है।
एक्सप्रेस स्पोर्ट्स की विशेष श्रृंखला ‘जेन शी’ में इन्हीं महिला खिलाड़ियों की कहानी सामने आती है, जिन्होंने 2025 में न केवल अपनी पहचान बनाई, बल्कि भारतीय खेलों के भविष्य की मजबूत नींव भी रखी। अंकिता भकत अब उसी आत्मविश्वास के साथ नए साल में और ऊंची उड़ान भरने को तैयार हैं।
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