पेरिस ओलंपिक में कांस्य पदक जीतने वाले भारतीय पहलवान अमन सहरावत ने कहा है कि एशियन गेम्स जैसी बड़ी प्रतियोगिता को देखते हुए उनकी तैयारियां सही दिशा में आगे बढ़ रही हैं। 22 वर्षीय अमन अब प्रो रेसलिंग लीग (पीडब्ल्यूएल) में अपने डेब्यू को लेकर उत्साहित हैं और दो साल बाद एशियन चैंपियनशिप में वापसी करने की तैयारी कर रहे हैं, जिसके बाद उनका पूरा फोकस 2026 एशियन गेम्स पर रहेगा।
अमन ने कहा कि पीडब्ल्यूएल युवा पहलवानों के लिए खुद को परखने और अंतरराष्ट्रीय स्तर की प्रतिस्पर्धा का अनुभव हासिल करने का बेहतरीन मंच है। उन्होंने अपने सीनियर और छत्रसाल अखाड़ा के साथी रवि दहिया का उदाहरण देते हुए कहा कि कैसे रवि ने पीडब्ल्यूएल के मंच से आगे बढ़कर टोक्यो ओलंपिक में रजत पदक जीता। अमन उस समय मात्र 16 वर्ष के थे, जब 2019 में आखिरी बार पीडब्ल्यूएल का आयोजन हुआ था, और अब वह पहली बार इस लीग का प्रत्यक्ष अनुभव लेने के लिए तैयार हैं।
दिल्ली स्थित प्रसिद्ध छत्रसाल अखाड़ा से निकले अमन को अपने प्रशिक्षण केंद्र पर गर्व है। उन्होंने कहा कि यह अखाड़ा भारतीय कुश्ती का मजबूत आधार रहा है, जिसने सुशील कुमार, योगेश्वर दत्त, बजरंग पुनिया और दीपक पुनिया जैसे कई विश्व और ओलंपिक पदक विजेता दिए हैं। अमन मानते हैं कि अखाड़े की सख्त दिनचर्या, अनुशासन और वरिष्ठ पहलवानों का मार्गदर्शन उनके करियर की मजबूत नींव है।
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अमन ने कहा कि एशियन चैंपियनशिप और पीडब्ल्यूएल जैसे टूर्नामेंट उनके लिए 2026 एशियन गेम्स की तैयारी का अहम हिस्सा हैं। उन्होंने भरोसा जताया कि यदि वह अपनी फिटनेस और तकनीक पर लगातार काम करते रहे, तो आने वाले बड़े टूर्नामेंट में देश के लिए और पदक जीत सकेंगे।
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