भारतीय शतरंज जगत के लिए ऐतिहासिक पल आया जब 19 वर्षीय दिव्या देशमुख ने FIDE महिला शतरंज विश्व कप 2025 का खिताब जीत लिया। फाइनल मुकाबले में दिव्या ने अपने से दोगुनी उम्र की दिग्गज भारतीय खिलाड़ी कोनेरू हंपी को हराकर यह ऐतिहासिक जीत हासिल की।
दिव्या देशमुख की यह उपलब्धि खास इसलिए भी है क्योंकि वह ग्रैंडमास्टर का खिताब पाने वाली चौथी भारतीय महिला बन गई हैं। इससे पहले कोनेरू हंपी, हरिका द्रोणावल्ली और वंतिका अग्रवाल यह उपलब्धि हासिल कर चुकी हैं।
फाइनल मैच में दिव्या ने बेहतरीन रणनीति और आत्मविश्वास के साथ खेलते हुए हंपी को मात दी। मैच के दौरान दिव्या ने आक्रामक और सटीक चालों का इस्तेमाल किया, जिससे हंपी दबाव में आ गईं और अंततः उन्हें हार का सामना करना पड़ा।
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खिताब जीतने के बाद दिव्या ने कहा, “यह मेरे करियर का सबसे बड़ा पल है। हंपी जैसी महान खिलाड़ी के खिलाफ जीतना मेरे लिए सम्मान की बात है। मैं आने वाले समय में भारत के लिए और खिताब जीतना चाहती हूं।”
शतरंज विशेषज्ञों का कहना है कि दिव्या की यह जीत भारतीय महिला शतरंज के लिए नए युग की शुरुआत है। उनकी सफलता से युवा खिलाड़ियों में भी नई ऊर्जा और प्रेरणा का संचार होगा।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और कई अन्य नेताओं ने दिव्या को उनकी इस ऐतिहासिक जीत पर बधाई दी है। यह जीत भारत के शतरंज इतिहास में स्वर्ण अक्षरों में दर्ज होगी और आने वाले समय में दिव्या देश का नाम विश्व पटल पर और भी ऊंचा करेंगी।
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