भारत ने महिला विश्व मुक्केबाज़ी चैंपियनशिप 2025 में इतिहास रच दिया है। भारतीय महिला मुक्केबाज़ों ने इस बार शानदार प्रदर्शन करते हुए कुल चार पदक अपने नाम किए, जो अब तक का सबसे बड़ा पदक haul है। यह उपलब्धि भारतीय मुक्केबाज़ी के लिए एक नया मील का पत्थर साबित हुई है।
टूर्नामेंट में भारतीय दल की ओर से कई युवा और अनुभवी खिलाड़ियों ने दमखम दिखाया। जेस्मिन लांबोरिया ने स्वर्ण पदक जीतकर भारत का मान बढ़ाया, जबकि नुपुर श्योराण ने 80+ किग्रा वर्ग में रजत पदक हासिल किया। अनुभवी पूजा रानी ने 80 किग्रा वर्ग में कांस्य पदक जीता। इसके अलावा, एक अन्य भारतीय मुक्केबाज़ ने भी कांस्य पदक जीतकर भारत के लिए कुल चार पदक सुनिश्चित किए।
भारतीय महिला मुक्केबाज़ों के इस ऐतिहासिक प्रदर्शन पर पूरे देश में खुशी की लहर है। खेल विशेषज्ञों का कहना है कि यह प्रदर्शन न केवल भारतीय मुक्केबाज़ी की बढ़ती ताकत को दर्शाता है, बल्कि आगामी ओलंपिक खेलों के लिए भी सकारात्मक संकेत देता है।
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प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और खेल मंत्री ने खिलाड़ियों को बधाई दी और कहा कि यह सफलता देश की युवा पीढ़ी को खेलों में आगे बढ़ने के लिए प्रेरित करेगी। भारतीय मुक्केबाज़ी महासंघ ने भी खिलाड़ियों की मेहनत और कोचिंग टीम के योगदान को सराहा।
विशेषज्ञ मानते हैं कि महिला मुक्केबाज़ी में भारत की लगातार बढ़ती उपस्थिति अब वैश्विक स्तर पर एक बड़ी शक्ति बनने की दिशा में है। यह उपलब्धि आने वाले वर्षों में और भी ऊंचाइयों की ओर इशारा करती है।
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