हरमनप्रीत कौर की अगुवाई में भारतीय महिला क्रिकेट टीम ने इतिहास रच दिया है। भारत ने पहली बार महिला विश्व कप का खिताब जीतकर देश को गौरवान्वित किया। तीसरी बार फाइनल खेलने उतरी भारतीय टीम ने दक्षिण अफ्रीका को 52 रन से हराकर इतिहास में अपना नाम स्वर्ण अक्षरों में दर्ज कराया।
भारत ने पहले बल्लेबाजी करते हुए 298 रन का विशाल स्कोर खड़ा किया, जो टूर्नामेंट इतिहास का दूसरा सबसे बड़ा स्कोर है। जवाब में दक्षिण अफ्रीका की टीम 45.3 ओवर में 246 रन पर सिमट गई। दक्षिण अफ्रीका की कप्तान लौरा वूल्वार्ड्ट ने 98 गेंदों में 101 रन बनाए, लेकिन दीप्ति शर्मा (55 रन और 5 विकेट) तथा शैफाली वर्मा (87 रन और 2 विकेट) के शानदार प्रदर्शन ने भारत को ऐतिहासिक जीत दिलाई।
यह जीत 2005 और 2017 के फाइनल की निराशा का बदला साबित हुई। दीप्ति शर्मा पूरे टूर्नामेंट की सर्वश्रेष्ठ गेंदबाज रहीं, जिन्होंने 21 विकेट लेकर टीम की जीत में अहम भूमिका निभाई। वहीं शैफाली वर्मा, जिन्हें कुछ समय पहले टीम से बाहर कर दिया गया था, ने वापसी करते हुए अपनी 84 गेंदों में 87 रन की शानदार पारी से मैच की नींव रखी।
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स्मृति मंधाना ने 45 रन की पारी खेली और टूर्नामेंट में 434 रन बनाकर नया भारतीय रिकॉर्ड बनाया। जेमिमा रोड्रिग्स और कप्तान हरमनप्रीत कौर भले ही बड़ी पारी नहीं खेल सकीं, लेकिन टीम का सामूहिक प्रदर्शन अविस्मरणीय रहा।
दक्षिण अफ्रीका की शुरुआत तेज रही, लेकिन भारत की सटीक गेंदबाजी ने जल्द ही बाजी पलट दी। आख़िर में दीप्ति शर्मा ने पांचवां विकेट लेकर भारत को उसकी पहली विश्व कप जीत दिलाई और पूरे स्टेडियम में जश्न की लहर दौड़ गई।
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