कॉमनवेल्थ वेटलिफ्टिंग चैम्पियनशिप में भारत की स्टार भारोत्तोलक मीराबाई चानू चोटों से उबरकर एक बार फिर मैदान में उतरने को तैयार हैं। हाल के वर्षों में चोटों से जूझने के कारण उन्हें लंबे समय तक प्रतिस्पर्धा से दूर रहना पड़ा। आखिरी बार वे पिछले साल अगस्त में पेरिस खेलों में नजर आई थीं, जहां वे महज एक किलोग्राम के अंतर से पदक हासिल करने से चूक गईं।
चानू की इस प्रतियोगिता में वापसी से भारतीय वेटलिफ्टिंग टीम का मनोबल काफी बढ़ा है। भारत के अन्य भारोत्तोलक भी शानदार फॉर्म में हैं और पदकों की झड़ी लगाने के लिए तैयार हैं। विशेषज्ञों का मानना है कि अगर टीम अपना सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन करती है तो भारत कॉमनवेल्थ चैम्पियनशिप में एक बड़ी सफलता हासिल कर सकता है।
चानू ने हाल ही में कहा कि चोट के कारण उन्हें कठिन दौर से गुजरना पड़ा, लेकिन उन्होंने फिटनेस और तकनीक पर विशेष ध्यान दिया है। उनका लक्ष्य न केवल पदक जीतना है, बल्कि आने वाले बड़े अंतरराष्ट्रीय आयोजनों के लिए भी खुद को तैयार करना है।
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भारतीय वेटलिफ्टिंग संघ ने भी भरोसा जताया है कि यह चैम्पियनशिप युवा खिलाड़ियों को अंतरराष्ट्रीय अनुभव प्रदान करेगी। अनुभवी खिलाड़ियों के साथ नए चेहरों का मिश्रण भारत की संभावनाओं को और मजबूत बनाता है।
पेरिस खेलों में पदक से चूकने के बाद मीराबाई चानू इस बार किसी भी कीमत पर जीत का परचम लहराना चाहती हैं। प्रशंसकों की निगाहें उनकी शानदार वापसी पर टिकी है।
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