नाइजीरिया की महिला फुटबॉल टीम ने खराब प्रबंधन और वित्तीय चुनौतियों के बावजूद शानदार प्रदर्शन करते हुए महाद्वीपीय ट्रॉफी अपने नाम कर ली है। यह जीत देश में खेलों में व्याप्त अव्यवस्था और भ्रष्टाचार पर एक करारा जवाब मानी जा रही है।
नाइजीरिया में खेल प्रतियोगिताएं लंबे समय से अंडरफंडिंग, भ्रष्टाचार और कुप्रबंधन की समस्याओं से जूझ रही हैं। इन मुद्दों के कारण कई बार बड़े घोटाले सामने आए हैं, जिससे नाराज होकर कई एथलीट्स ने अन्य देशों का प्रतिनिधित्व करने तक का फैसला किया। इसके बावजूद महिला फुटबॉल टीम ने हार नहीं मानी और कठिन परिस्थितियों में भी कड़ी मेहनत कर यह खिताब जीता।
विशेषज्ञों का मानना है कि यह जीत नाइजीरिया में महिला खेलों के लिए प्रेरणा का स्रोत बनेगी और खेल प्रबंधन में सुधार की आवश्यकता को उजागर करेगी। खिलाड़ियों ने टूर्नामेंट के दौरान न केवल अपने कौशल से बल्कि टीमवर्क और धैर्य से भी सबका दिल जीता।
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खिलाड़ियों का कहना है कि उन्हें बेहतर प्रशिक्षण सुविधाएं और प्रबंधन का पूरा समर्थन नहीं मिला, फिर भी उन्होंने अपने जज्बे से यह सफलता हासिल की। कोच ने भी टीम की मेहनत की सराहना करते हुए कहा कि यह जीत सिर्फ खिलाड़ियों की प्रतिभा नहीं, बल्कि उनके संघर्ष का भी परिणाम है।
विश्लेषकों का मानना है कि अगर नाइजीरिया खेल प्रबंधन में सुधार लाता है और खिलाड़ियों को उचित संसाधन उपलब्ध कराता है, तो देश की टीमें अंतरराष्ट्रीय स्तर पर और बड़ी सफलताएं हासिल कर सकती हैं।
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