दुनिया के सबसे तेज़ धावक और "लाइटनिंग बोल्ट" के नाम से मशहूर उसेन बोल्ट ने अपने करियर को याद करते हुए कहा कि उनका लक्ष्य हमेशा ऊँचे मानक स्थापित करना था और वे इसमें सफल रहे।
बोल्ट की उपलब्धियों की गिनती करना ही उनकी महानता को साबित करता है। उन्होंने आठ ओलंपिक स्वर्ण पदक जीते और ग्यारह स्वर्ण पदक विश्व एथलेटिक्स चैम्पियनशिप में अपने नाम किए। इसके अलावा उन्होंने तीन विश्व रिकॉर्ड बनाए — 100 मीटर में 9.58 सेकंड, 200 मीटर में 19.19 सेकंड और 4x100 मीटर रिले में 36.84 सेकंड। ये सभी रिकॉर्ड आज भी कायम हैं और किसी धावक ने इन्हें तोड़ा नहीं है।
बोल्ट ने कहा कि उन्होंने अपने करियर में सिर्फ जीतने के लिए नहीं बल्कि दुनिया को यह दिखाने के लिए दौड़ लगाई कि असंभव को भी संभव बनाया जा सकता है। उनका मानना है कि लगातार कड़ी मेहनत, आत्मविश्वास और खेल के प्रति जुनून ने उन्हें दुनिया के सर्वश्रेष्ठ एथलीटों में जगह दिलाई।
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उन्होंने यह भी बताया कि उनकी सबसे बड़ी प्रेरणा यह थी कि आने वाली पीढ़ियाँ उन्हें देखकर प्रेरित हों और ऊँचे लक्ष्यों की ओर बढ़ें। बोल्ट का मानना है कि उनकी विरासत केवल पदकों और रिकॉर्ड में नहीं बल्कि उस मानसिकता में है जो उन्होंने खिलाड़ियों और प्रशंसकों को दी है।
विशेषज्ञों का कहना है कि उसेन बोल्ट ने एथलेटिक्स की दुनिया को नई ऊँचाइयों तक पहुँचाया और खेल को वैश्विक स्तर पर और लोकप्रिय बनाया।
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