मुख्य न्यायाधीश (CJI) डी.वाई. चंद्रचूड़ ने बुधवार, 19 नवंबर 2025 को केरल सरकार और इंडियन यूनियन मुस्लिम लीग (IUML) की याचिकाओं पर तत्काल सुनवाई के अनुरोध को स्वीकार करते हुए इन्हें 21 नवंबर को सूचीबद्ध करने का आदेश दिया। दोनों याचिकाओं में केरल में मतदाता सूची के विशेष गहन पुनरीक्षण (SIR) प्रक्रिया को स्थगित करने की मांग की गई है।
याचिकाकर्ताओं का कहना है कि SIR एक अत्यंत जटिल और श्रमसाध्य प्रक्रिया है, जिसे स्थानीय निकाय चुनावों के साथ-साथ चलाना प्रशासनिक रूप से भारी पड़ सकता है। उनका तर्क है कि इस दौरान बड़ी संख्या में सरकारी कर्मचारियों की आवश्यकता पड़ेगी, जिससे नियमित प्रशासनिक कार्य प्रभावित होंगे और मानव संसाधन पर गंभीर दबाव पैदा होगा। यह स्थिति राज्य प्रशासन में “व्यवस्थागत गतिरोध” भी उत्पन्न कर सकती है।
केरल सरकार की ओर से अधिवक्ता सी.के. सासी और IUML की ओर से अधिवक्ता हारिस बीरन ने मुख्य न्यायाधीश के समक्ष मौखिक रूप से उल्लेख किया कि SIR को चुनावों के दौरान जारी रखना व्यावहारिक रूप से संभव नहीं है। उन्होंने कहा कि चुनावी तैयारियों, मतदान केंद्रों के संचालन और चुनाव कर्मियों की तैनाती में ही बड़ी संख्या में कर्मचारियों की आवश्यकता होती है, ऐसे में SIR जैसा विस्तृत कार्य समानांतर रूप से चलाना उचित नहीं है।
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याचिकाकर्ताओं ने यह भी कहा कि SIR की समयसीमा स्थानीय निकाय चुनावों के शेड्यूल से टकरा रही है, जिससे सरकारी तंत्र के सामान्य संचालन पर प्रतिकूल प्रभाव पड़ सकता है। इस पर CJI ने मामले की गंभीरता को देखते हुए इसे 21 नवंबर को शीघ्र सुनवाई के लिए सूचीबद्ध कर दिया।
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