टेस्ला के सीईओ एलन मस्क (Elon Musk) को दुनिया का पहला ट्रिलियनेयर बनाने की संभावना पर बहस छिड़ी हुई है। टेस्ला के शेयरधारक जल्द ही इस पर मतदान करेंगे कि मस्क को भारी वेतन पैकेज दिया जाए या नहीं।
अमेरिका के टेक्सास राज्य के ऑस्टिन शहर में गुरुवार को होने वाली टेस्ला की वार्षिक बैठक में शेयरधारक यह तय करेंगे कि मस्क को इतनी बड़ी हिस्सेदारी दी जाए जिससे वे इतिहास के पहले ट्रिलियनेयर बन सकते हैं। यह प्रस्ताव जबरदस्त विवाद का कारण बना है। यहां तक कि पोप ने भी इसे आय असमानता का उदाहरण बताते हुए टिप्पणी की है।
कई पेंशन फंड्स ने इस पैकेज का विरोध किया है, यह कहते हुए कि टेस्ला बोर्ड मस्क के अत्यधिक प्रभाव में है और उनका हालिया व्यवहार लापरवाह रहा है। उनका मानना है कि यह वेतन “अनुचित रूप से अधिक” है।
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वहीं, समर्थकों का कहना है कि मस्क एक जीनियस हैं, जो टेस्ला को स्वचालित वाहनों और रोबोट्स के भविष्य में अग्रणी बना सकते हैं। उनके अनुसार, इतना बड़ा वेतन पैकेज उन्हें प्रोत्साहित करने और कंपनी पर केंद्रित रखने के लिए आवश्यक है।
मस्क ने चेतावनी दी है कि यदि उनकी मांगें नहीं मानी गईं, तो वे कंपनी छोड़ सकते हैं। उन्होंने विरोधियों को “कॉर्पोरेट आतंकवादी” तक कहा है।
यदि प्रस्ताव मंजूर होता है, तो मस्क को 50 अरब डॉलर के अतिरिक्त टेस्ला शेयर मिल सकते हैं, बशर्ते वे कंपनी की बाजार मूल्य में 80% की वृद्धि करें या 10 वर्षों में 2 करोड़ टेस्ला कारें बेचें। हालांकि, यदि वे सभी लक्ष्य पूरे नहीं करते, तो भी उन्हें भारी आर्थिक लाभ मिल सकता है।
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