टेक दिग्गज माइक्रोसॉफ्ट ब्राज़ील के एंटीट्रस्ट नियामक प्राधिकरण की जांच के घेरे में आ गया है। यह कार्रवाई नॉर्वेजियन ब्राउज़र कंपनी ओपेरा द्वारा मंगलवार को दायर की गई शिकायत के बाद शुरू हुई है।
ओपेरा का आरोप है कि माइक्रोसॉफ्ट अपने ऑपरेटिंग सिस्टम विंडोज (Windows) में डिफॉल्ट रूप से अपने ब्राउज़र एज (Edge) को प्री-इंस्टॉल कर रहा है। साथ ही, विंडोज डिवाइस और कंप्यूटर पर एज को प्राथमिक ब्राउज़र के रूप में सेट कर उपयोगकर्ताओं को अन्य ब्राउज़रों का विकल्प चुनने से हतोत्साहित किया जा रहा है।
ओपेरा का कहना है कि यह कदम प्रतिस्पर्धा-विरोधी (anti-competitive) है और इससे स्वतंत्र ब्राउज़र कंपनियों को बाजार में अपनी जगह बनाने में कठिनाई होती है। कंपनी का दावा है कि माइक्रोसॉफ्ट का यह व्यवहार ब्राउज़र बाजार में निष्पक्ष प्रतिस्पर्धा को बाधित करता है।
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ब्राज़ील के एंटीट्रस्ट नियामक प्राधिकरण ने शिकायत को गंभीरता से लेते हुए मामले की प्रारंभिक जांच शुरू कर दी है। अगर आरोप सही पाए जाते हैं, तो माइक्रोसॉफ्ट को जुर्माना भरने और अपने सॉफ्टवेयर वितरण तरीके में बदलाव करने का आदेश दिया जा सकता है।
विश्लेषकों का मानना है कि यह मामला माइक्रोसॉफ्ट के लिए चुनौतीपूर्ण हो सकता है, क्योंकि पहले भी यूरोप और अमेरिका में इसी तरह के प्रतिस्पर्धा-विरोधी आरोपों का सामना करना पड़ा था। तकनीकी क्षेत्र में ब्राउज़र वर्चस्व को लेकर लंबे समय से बहस चल रही है, जिसमें उपभोक्ताओं को ब्राउज़र चुनने की स्वतंत्रता देने पर जोर दिया जा रहा है।
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