अमेरिका की एक ज्यूरी ने टेक दिग्गज गूगल को गोपनीयता (प्राइवेसी) उल्लंघन मामले में दोषी करार दिया है और कंपनी को 425 मिलियन डॉलर का भुगतान करने का आदेश दिया है। यह मामला एक क्लास-एक्शन मुकदमे से जुड़ा है, जिसमें गूगल पर उपयोगकर्ताओं की निजी जानकारी का गलत इस्तेमाल करने के आरोप लगाए गए थे।
ज्यूरी ने तीन दावों में से दो पर गूगल को जिम्मेदार ठहराया। याचिकाकर्ताओं का कहना था कि गूगल ने बिना अनुमति के व्यक्तिगत डेटा एकत्र किया और इसे विज्ञापनदाताओं तथा तीसरे पक्ष के साथ साझा किया। इस प्रक्रिया में उपयोगकर्ताओं की गोपनीयता का उल्लंघन हुआ और उनकी सहमति को नजरअंदाज किया गया।
अदालत में पेश सबूतों के अनुसार, गूगल ने ब्राउज़िंग हिस्ट्री और लोकेशन डेटा जैसे संवेदनशील डाटा को ट्रैक किया, जबकि उपयोगकर्ताओं को यह विश्वास दिलाया गया था कि उनकी गतिविधियाँ निजी रखी जाएंगी। ज्यूरी ने माना कि यह न केवल अनुचित है बल्कि गोपनीयता अधिकारों का सीधा उल्लंघन है।
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विशेषज्ञों का कहना है कि यह फैसला टेक कंपनियों के लिए एक बड़ा संदेश है कि उपयोगकर्ताओं की गोपनीयता से समझौता नहीं किया जा सकता। इससे भविष्य में डेटा संरक्षण को लेकर और सख्त नियम लागू होने की संभावना है।
गूगल ने हालांकि अदालत के फैसले पर निराशा जताई है और संकेत दिए हैं कि वह इस निर्णय के खिलाफ अपील कर सकता है। कंपनी ने कहा कि उसने हमेशा उपयोगकर्ताओं की सुरक्षा को प्राथमिकता दी है और वह अपनी सेवाओं को पारदर्शी बनाने के लिए प्रतिबद्ध है।
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