गूगल ने घोषणा की है कि वह सभी एंड्रॉयड ऐप डेवलपर्स के लिए एक अनिवार्य वेरिफिकेशन प्रक्रिया लागू करने जा रहा है। कंपनी का कहना है कि इस कदम का उद्देश्य उपयोगकर्ताओं को मैलवेयर, धोखाधड़ी और अन्य हानिकारक गतिविधियों से सुरक्षित रखना है।
एंड्रॉयड टीम ने बताया कि यह नया वेरिफिकेशन सिस्टम डेवलपर्स की पहचान की पुष्टि करेगा ताकि यह सुनिश्चित किया जा सके कि केवल विश्वसनीय और प्रमाणित डेवलपर्स ही गूगल प्ले स्टोर पर ऐप पब्लिश कर सकें। वर्तमान में ऐप स्टोर पर कई बार ऐसे ऐप्स अपलोड हो जाते हैं जो हानिकारक कोड या स्कैम लिंक फैलाते हैं, जिससे उपयोगकर्ताओं की व्यक्तिगत जानकारी खतरे में पड़ सकती है।
नई प्रक्रिया के तहत डेवलपर्स को सरकारी पहचान पत्र, व्यावसायिक दस्तावेज़ और संपर्क जानकारी जैसे साक्ष्य प्रस्तुत करने होंगे। गूगल का कहना है कि यह कदम ऐप पब्लिशिंग को सुरक्षित बनाने और प्लेटफ़ॉर्म पर पारदर्शिता बढ़ाने में मदद करेगा।
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विशेषज्ञों के अनुसार, यह बदलाव न केवल उपयोगकर्ताओं के भरोसे को मजबूत करेगा बल्कि ऐप इकोसिस्टम में गुणवत्ता बनाए रखने के लिए भी अहम साबित होगा। इसके अलावा, यह पहल उन खराब तत्वों की पहचान और रोकथाम करेगी जो नकली ऐप्स के माध्यम से साइबर अपराध को अंजाम देते हैं।
गूगल ने कहा कि यह वेरिफिकेशन प्रोसेस आने वाले महीनों में चरणबद्ध तरीके से लागू किया जाएगा, और सभी डेवलपर्स को इसका पालन करना अनिवार्य होगा।
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