गूगल ने यूट्यूब से जुड़े बच्चों की गोपनीयता उल्लंघन मामले में समझौता कर लिया है। यह मामला तब सामने आया जब 34 बच्चों के माता-पिता और अभिभावकों ने आरोप लगाया कि गूगल ने यूट्यूब प्लेटफॉर्म पर कंटेंट प्रदाताओं को बच्चों को लुभाने और उनकी निजी जानकारी एकत्र करने की अनुमति देकर कई राज्यों के कानूनों का उल्लंघन किया।
शिकायतकर्ताओं का कहना था कि यूट्यूब पर उपलब्ध कुछ वीडियो और विज्ञापन बच्चों को आकर्षित करने के लिए जानबूझकर बनाए गए थे। इसके जरिए बच्चों का डेटा एकत्र कर उसे व्यावसायिक उद्देश्यों के लिए इस्तेमाल किया गया, जो गोपनीयता कानूनों के खिलाफ है।
हालांकि, समझौते की वित्तीय शर्तों या अन्य विवरणों का खुलासा नहीं किया गया है। लेकिन यह कदम दर्शाता है कि बड़ी टेक कंपनियां बच्चों की ऑनलाइन सुरक्षा को लेकर बढ़ते दबाव का सामना कर रही हैं।
और पढ़ें: ऑनलाइन डिस्प्ले विज्ञापन बाजार में गूगल की गतिविधियों पर CCI का विस्तृत जांच आदेश
गूगल ने कहा है कि वह बच्चों की गोपनीयता की सुरक्षा को लेकर प्रतिबद्ध है और प्लेटफॉर्म पर बेहतर सुरक्षा उपाय लागू किए जा रहे हैं। कंपनी ने पिछले कुछ वर्षों में बच्चों के लिए अनुकूल कंटेंट और विज्ञापनों पर निगरानी बढ़ाने के कई कदम उठाए हैं।
विशेषज्ञों का मानना है कि यह मामला बच्चों की ऑनलाइन प्राइवेसी को लेकर सख्त कानूनों और निगरानी की आवश्यकता को और मजबूत करता है। यह समझौता टेक कंपनियों के लिए चेतावनी है कि बच्चों की सुरक्षा से जुड़े मामलों में लापरवाही गंभीर कानूनी परिणाम ला सकती है।
यह घटना वैश्विक स्तर पर डिजिटल प्लेटफॉर्म पर बच्चों की सुरक्षा को लेकर चल रही बहस को भी तेज कर सकती है और कड़े नियम बनाने की दिशा में संकेत देती है।
और पढ़ें: ट्रंप की नजर CHIPS एक्ट फंड पाने वाली अन्य अमेरिकी चिप कंपनियों में हिस्सेदारी पर