अमेरिकी खुफिया प्रमुख तुलसी गैबार्ड ने कहा है कि ब्रिटेन ने एप्पल को अपने एन्क्रिप्टेड यूज़र डाटा में ‘बैक डोर’ बनाने के आदेश को वापस ले लिया है। मई में अमेरिकी सांसदों ने चेतावनी दी थी कि ब्रिटेन का यह आदेश साइबर अपराधियों और अधिनायकवादी सरकारों द्वारा दुरुपयोग किया जा सकता है।
गैबार्ड ने बताया कि ब्रिटेन सरकार ने इस विवादास्पद निर्देश को आगे नहीं बढ़ाने का फैसला किया है। यह निर्देश टेक कंपनी एप्पल से उसके एन्क्रिप्टेड डेटा सिस्टम में ऐसा गुप्त रास्ता (बैक डोर) तैयार करने को कह रहा था, जिससे सरकारी एजेंसियां सीधे तौर पर उपयोगकर्ताओं की निजी जानकारी तक पहुंच सकें। आलोचकों का कहना था कि ऐसा कदम डिजिटल निजता और साइबर सुरक्षा दोनों को खतरे में डाल देगा।
अमेरिकी सांसदों ने मई में ब्रिटिश आदेश पर कड़ी आपत्ति जताई थी। उनका कहना था कि एक बार बैक डोर बन जाने के बाद इसे केवल सरकारें ही नहीं, बल्कि साइबर अपराधी और शत्रुतापूर्ण ताकतें भी इस्तेमाल कर सकती हैं। इससे न केवल व्यक्तिगत डेटा की सुरक्षा प्रभावित होगी बल्कि राष्ट्रीय सुरक्षा पर भी गंभीर खतरा उत्पन्न हो सकता है।
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गैबार्ड के अनुसार, ब्रिटेन ने इन चिंताओं को ध्यान में रखते हुए अपना रुख बदला। उन्होंने कहा कि उपयोगकर्ताओं की गोपनीयता और वैश्विक डिजिटल सुरक्षा को बनाए रखना तकनीकी क्षेत्र और सरकारों दोनों की साझा जिम्मेदारी है।
विशेषज्ञों का मानना है कि यह फैसला एन्क्रिप्शन तकनीक की मजबूती के समर्थन में एक महत्वपूर्ण संकेत है। यह घटना बताती है कि सरकारों को सुरक्षा जरूरतों और नागरिकों की निजता के बीच संतुलन साधने की चुनौती लगातार बनी हुई है।
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