क्रिप्टोकरेंसी एक्सचेंज वज़ीरएक्स (WazirX) के कई ग्राहकों ने कंपनी की नई सब्सक्रिप्शन सेवा वज़ीरएक्स ज़ीरो (WazirX ZERO) में स्वतः नामांकन (ऑटोमैटिक एनरोलमेंट) को लेकर नाराज़गी और भ्रम जताया है। ग्राहकों का कहना है कि उन्हें बिना स्पष्ट सहमति के इस सेवा में शामिल कर लिया गया, जिसमें ट्रेडिंग के लिए मासिक आधार शुल्क लिया जाता है।
सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म X पर कई वज़ीरएक्स उपयोगकर्ताओं ने शिकायत की कि वे अब तक अपने ट्रेडिंग लेनदेन पर अलग-अलग शुल्क चुकाते आ रहे थे, लेकिन हाल ही में उनके खातों से अचानक मासिक शुल्क कटना शुरू हो गया। ग्राहकों का आरोप है कि इस बदलाव की न तो उन्हें पहले से पर्याप्त जानकारी दी गई और न ही उनसे स्पष्ट अनुमति ली गई।
कुछ ट्रेडर्स और निवेशकों ने यह भी सवाल उठाया कि क्या किसी वित्तीय प्लेटफॉर्म को ग्राहकों को स्वतः किसी पेड सेवा में शामिल करने का अधिकार है। उनका कहना है कि ऐसे फैसले पारदर्शिता और उपभोक्ता अधिकारों के खिलाफ हैं।
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हालांकि, वज़ीरएक्स के सह-संस्थापक और सीईओ निशाल शेट्टी ने इस पहल का बचाव किया है। उन्होंने सोशल मीडिया पर कहा कि वज़ीरएक्स ज़ीरो का उद्देश्य सक्रिय ट्रेडर्स को कम लागत पर अधिक सुविधा देना है और यह मॉडल लंबे समय में ग्राहकों के लिए फायदेमंद साबित हो सकता है।
इसके बावजूद, कई उपयोगकर्ता इस तर्क से संतुष्ट नहीं दिखे। उनका कहना है कि अगर यह सेवा लाभकारी भी है, तो ग्राहकों को इसमें शामिल होने या न होने का विकल्प दिया जाना चाहिए था।
यह विवाद ऐसे समय सामने आया है, जब भारत में क्रिप्टोकरेंसी एक्सचेंज पहले से ही नियामकीय अनिश्चितताओं और भरोसे की कमी से जूझ रहे हैं। विशेषज्ञों का मानना है कि इस तरह के कदम प्लेटफॉर्म और उपयोगकर्ताओं के बीच विश्वास को और कमजोर कर सकते हैं, यदि उन्हें स्पष्ट संवाद और सहमति के साथ लागू नहीं किया गया।
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