नेशनल स्टॉक एक्सचेंज के अस्थायी आंकड़ों के अनुसार, दो दिनों की लगातार खरीदारी के बाद विदेशी पोर्टफोलियो निवेशक (FPI) गुरुवार को भारतीय शेयर बाजार में शुद्ध विक्रेता बन गए। उन्होंने कुल ₹3,694.3 करोड़ मूल्य के शेयरों की बिक्री की। वहीं, घरेलू संस्थागत निवेशकों (DII) ने लगातार नौवें सत्र में खरीदारी जारी रखते हुए ₹2,820.8 करोड़ के शेयर खरीदे।
नेशनल सिक्योरिटीज डिपॉजिटरी लिमिटेड (NSDL) के आंकड़ों के अनुसार, जुलाई में अब तक FPIs ने कुल ₹2,660 करोड़ के शेयर बेचे हैं, जबकि जून में यह आंकड़ा ₹14,590 करोड़ था। वर्ष 2025 में अब तक FPI द्वारा कुल ₹80,561 करोड़ की शुद्ध बिक्री की जा चुकी है।
जून महीने में वित्तीय सेवा क्षेत्र को सबसे अधिक FPI निवेश प्राप्त हुआ, जो कुल प्रवाह का 61% रहा। यह लगातार चौथा महीना है जब इस क्षेत्र में शुद्ध निवेश देखा गया।
गुरुवार को भारतीय बेंचमार्क इक्विटी सूचकांक दो दिनों की बढ़त के बाद गिरावट के साथ बंद हुए। प्रमुख कंपनियों जैसे इन्फोसिस लिमिटेड और एचडीएफसी बैंक लिमिटेड के कमजोर प्रदर्शन से बाजार दबाव में रहा।
बीएसई सेंसेक्स 375.24 अंकों या 0.45% की गिरावट के साथ 82,259.24 पर बंद हुआ। वहीं, एनएसई निफ्टी 50 में 100.6 अंकों या 0.4% की गिरावट आई और यह 25,111.45 पर बंद हुआ। साप्ताहिक एक्सपायरी के दिन 25,200 के स्तर पर कॉल राइटिंग के चलते निफ्टी इस स्तर को पार नहीं कर सका और इंट्राडे में 0.44% तक गिरा।