भारतीय रुपया विदेशी मुद्रा बाजार में अमेरिकी डॉलर के मुकाबले 3 पैसे गिरकर 88.78 रुपये पर खुला। व्यापारियों के अनुसार, घरेलू शेयर बाजार में सकारात्मक रुझान के बावजूद रुपया कुछ कमजोर नजर आया।
विदेशी मुद्रा व्यापारियों ने बताया कि रुपया दिन की शुरुआती ट्रेडिंग में उतार-चढ़ाव भरा रहा। हालांकि घरेलू इक्विटी मार्केट में निवेशकों का मनोबल अच्छा था, लेकिन अंतरराष्ट्रीय स्तर पर डॉलर की मजबूती और वैश्विक आर्थिक संकेतकों का असर रुपया पर दिखाई दिया।
विशेषज्ञों का कहना है कि रुपया और डॉलर के बीच विनिमय दर कई कारकों से प्रभावित होती है, जिनमें विदेशी निवेश प्रवाह, आयात-निर्यात की स्थिति, वैश्विक आर्थिक हालात और केंद्रीय बैंक की नीतियाँ शामिल हैं। इस समय, निवेशकों ने रुपये की गिरावट को सामान्य और अल्पकालिक माना है।
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साथ ही, व्यापारियों ने यह भी कहा कि यदि घरेलू बाजार में सकारात्मक रुझान बना रहता है और विदेशी निवेशक लगातार निवेश करते हैं, तो रुपया जल्द ही अपनी मजबूती वापस हासिल कर सकता है।
इस बीच, विदेशी मुद्रा बाजार में हलचल के कारण बैंकों और एक्सचेंजों में भी हल्की अस्थिरता देखने को मिली। कारोबारी वर्ग ने सुझाव दिया कि व्यापारी और निवेशक अपनी रणनीति को इस प्रकार बनाएँ कि अल्पकालिक उतार-चढ़ाव का असर कम से कम हो।
इस तरह की स्थिति में यह आवश्यक है कि निवेशक विदेशी मुद्रा बाजार के रुझानों और वैश्विक आर्थिक संकेतकों पर ध्यान रखें।
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