सोमवार (17 नवंबर 2025) को अंतरबैंक विदेशी मुद्रा बाजार में भारतीय रुपया अमेरिकी डॉलर के मुकाबले 3 पैसे बढ़कर 88.63 प्रति डॉलर पर बंद हुआ। घरेलू शेयर बाजारों में मजबूती और अंतरराष्ट्रीय बाजार में कच्चे तेल के दामों में गिरावट ने रुपये को सहारा दिया। हालांकि, वैश्विक स्तर पर डॉलर की मजबूती और विदेशी निवेशकों की बिकवाली ने स्थानीय मुद्रा पर दबाव भी बनाया।
व्यापार की शुरुआत में रुपया 88.70 पर खुला और दिन के दौरान यह 88.56 के उच्चतम स्तर तथा 88.73 के निचले स्तर तक गया। अंततः यह 88.63 के भाव पर बंद हुआ, जो पिछले सत्र की तुलना में 3 पैसे की बढ़त दर्शाता है। इससे पहले, शुक्रवार (14 नवंबर 2025) को रुपया 4 पैसे की बढ़त के साथ 88.66 पर बंद हुआ था।
डॉलर इंडेक्स, जो छह प्रमुख विदेशी मुद्राओं के मुकाबले डॉलर की मजबूती को दर्शाता है, सोमवार को 0.29% बढ़कर 99.29 पर पहुंच गया। वहीं, ब्रेंट क्रूड का वायदा भाव 0.81% गिरकर 63.87 डॉलर प्रति बैरल रहा।
घरेलू बाजार में भी तेजी देखने को मिली। सेंसेक्स 388.17 अंक (0.46%) चढ़कर 84,950.95 पर बंद हुआ, जबकि निफ्टी 103.40 अंक (0.40%) बढ़कर 26,013.45 पर पहुंच गया।
सरकार द्वारा जारी नवीनतम आंकड़ों में अक्टूबर माह में भारत के निर्यात में 11.8% की गिरावट दर्ज की गई, जो 34.38 बिलियन डॉलर रहा। इसके विपरीत, आयात 16.63% बढ़कर 76.06 बिलियन डॉलर पहुंच गया, जिससे व्यापार घाटा बढ़कर 41.68 बिलियन डॉलर हो गया।
विदेशी संस्थागत निवेशकों (FII) ने शुक्रवार को 4,968.22 करोड़ रुपये के शेयर बेचे, जिससे बाजार पर दबाव बना रहा।