कमज़ोर वैश्विक संकेतों और दिसंबर में अमेरिकी फेडरल रिज़र्व द्वारा ब्याज दरों में कटौती की घटती उम्मीदों के कारण शुक्रवार (21 नवंबर 2025) को दो दिन की तेजी के बाद सेंसेक्स और निफ्टी में गिरावट दर्ज की गई।
30-शेयर बीएसई सेंसेक्स 400.76 अंक या 0.47% गिरकर 85,231.92 पर बंद हुआ। कारोबार के दौरान यह 444.84 अंक टूटकर 85,187.84 तक पहुंच गया। वहीं, 50-शेयर एनएसई निफ्टी 124 अंक या 0.47% गिरकर 26,068.15 पर बंद हुआ। पिछले दो सत्रों में निफ्टी 1% से अधिक उछलकर 26,000 के ऊपर पहुंच गया था।
सेंसेक्स में टाटा स्टील, एचसीएल टेक, बजाज फाइनेंस, बजाज फिनसर्व, भारत इलेक्ट्रॉनिक्स और इटरनल बड़े गिरने वाले शेयर रहे। हालांकि, मारुति, महिंद्रा एंड महिंद्रा, टाटा मोटर्स पैसेंजर व्हीकल्स और आईटीसी बढ़त वाले प्रमुख स्टॉक्स रहे।
विश्लेषकों के अनुसार, अमेरिकी नॉन-फार्म पेरोल डेटा उम्मीद से बेहतर आया, जिससे दिसंबर रेट कट की संभावना कम हुई। इसके अलावा, एआई से जुड़े शेयरों में संभावित बबल की चिंता ने वैश्विक बाज़ारों का मूड बिगाड़ दिया।
एशियाई बाज़ारों में भारी गिरावट देखी गई—दक्षिण कोरिया का कोस्पी 3.79%, शंघाई कंपोज़िट 2.45%, जापान निक्केई 2.40% और हांगकांग हैंग सेंग 2.38% टूटा। यूरोपीय बाज़ार भी लाल निशान में रहे। अमेरिकी बाज़ारों में भी गुरुवार को नैस्डैक 2.15%, एसएंडपी 500 1.56% और डाउ 0.84% गिरा।
जीयोत इन्वेस्टमेंट्स के विनोद नायर ने बताया कि वैश्विक गिरावट और मुनाफावसूली के चलते भारतीय बाज़ार भी दबाव में रहे, खासकर मिडकैप और स्मॉलकैप शेयरों में ज्यादा गिरावट देखी गई।
सभी सेक्टोरल इंडेक्स लाल निशान में बंद हुए। मेटल (2.35%) सबसे ज्यादा टूटा, इसके बाद रियल्टी, कैपिटल गुड्स, कमोडिटीज और इंडस्ट्रियल्स रहे।
बीएसई में 2,898 शेयर गिरे, जबकि 1,278 बढ़े और 162 अपरिवर्तित रहे।
ब्रेंट क्रूड 1.51% गिरकर 62.42 डॉलर प्रति बैरल पर आ गया।