आगामी पश्चिम बंगाल विधानसभा चुनावों को लेकर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी भाजपा के लिए सबसे मजबूत राजनीतिक चेहरा बने हुए हैं। मुख्यमंत्री ममता बनर्जी और उनकी पार्टी तृणमूल कांग्रेस को चुनौती देने में पीएम मोदी की ब्रांड वैल्यू राज्य भाजपा के लिए अहम मानी जा रही है। हाल के महीनों में प्रधानमंत्री ने बार-बार बंगाल का दौरा कर यह स्पष्ट कर दिया है कि पार्टी इस चुनाव को सर्वोच्च प्राथमिकता दे रही है।
शनिवार को पीएम मोदी की रैली नादिया जिले के तहेरपुर में आयोजित की गई थी, जहां मतुआ समुदाय की बड़ी आबादी है। यह जिला बांग्लादेश की सीमा से सटा हुआ है। हालांकि मौसम खराब होने के कारण पीएम मोदी रैली स्थल तक नहीं पहुंच सके और दमदम एयरपोर्ट से वर्चुअल माध्यम से लोगों को संबोधित किया। बड़ी संख्या में लोग उन्हें प्रत्यक्ष देखने की उम्मीद में पहुंचे थे, जिससे कुछ निराशा भी देखने को मिली।
अपने संबोधन की शुरुआत पीएम मोदी ने “जय निताई” के उद्घोष के साथ की और मतुआ समाज की सामाजिक भूमिका की सराहना की। उन्होंने हरिचांद ठाकुर, गुरुचांद ठाकुर और बड़ो मां का उल्लेख करते हुए कहा कि बड़ो मां ने मातृत्व का सच्चा अर्थ दिखाया।
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हालांकि, मतुआ समुदाय की मतदाता सूची से नाम कटने की चिंता पर पीएम मोदी ने कोई सीधा आश्वासन नहीं दिया। सुप्रीम कोर्ट के निर्देशों और कानूनी प्रक्रिया का हवाला देते हुए भाजपा का रुख प्रशासनिक समाधान पर केंद्रित दिखा। पार्टी का कहना है कि नागरिकता संशोधन अधिनियम (CAA) के जरिए भविष्य में इसका समाधान होगा, जबकि तृणमूल कांग्रेस इस प्रक्रिया को धीमा बता रही है।
पीएम मोदी ने अपने भाषण में ममता सरकार पर भ्रष्टाचार, “कट मनी” और कुशासन के आरोप लगाए। उन्होंने कहा कि “डबल इंजन सरकार” से बंगाल का विकास तेज होगा। उन्होंने मिशन 2026 का जिक्र करते हुए बंगाल को “महा जंगलराज” करार दिया।
बंगाली में “बांचते चाई ताई बीजेपी चाई” का नारा देकर पीएम मोदी ने कार्यकर्ताओं में नया जोश भरा। भाजपा सूत्रों के अनुसार यह अभियान की शुरुआत मात्र है और आने वाले दिनों में पीएम मोदी बंगाल में चुनावी गति और तेज करेंगे।
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