जम्मू-कश्मीर की पूर्व मुख्यमंत्री और पीडीपी प्रमुख महबूबा मुफ़्ती ने आप विधायक मलिक की गिरफ्तारी पर कड़ी प्रतिक्रिया दी है। उन्होंने आरोप लगाया है कि सरकार ने हज़रतबल घटना से लोगों का ध्यान हटाने के लिए यह कदम उठाया है।
मुफ़्ती ने कहा, “किसी निर्वाचित प्रतिनिधि को पीएसए (पब्लिक सेफ़्टी एक्ट) के तहत बुक करना यह दर्शाता है कि सरकार लोकतांत्रिक आवाज़ों को दबाने का प्रयास कर रही है। यह केवल हज़रतबल की घटना से ध्यान भटकाने की रणनीति है।”
हज़रतबल की हालिया घटना ने घाटी में राजनीतिक और सामाजिक माहौल को तनावपूर्ण बना दिया है। कई राजनीतिक दलों और स्थानीय संगठनों ने इस घटना को लेकर सरकार की नीतियों पर सवाल उठाए हैं। इसी बीच आप विधायक मलिक की गिरफ्तारी ने विवाद और गहरा दिया है।
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महबूबा मुफ़्ती ने केंद्र सरकार पर निशाना साधते हुए कहा कि कश्मीर में पहले से ही असंतोष का माहौल है और ऐसे कदम केवल लोगों के गुस्से को और बढ़ाएँगे। उन्होंने जोर देकर कहा कि लोकतंत्र में चुने गए जनप्रतिनिधियों को आवाज़ उठाने का अधिकार होना चाहिए, न कि उन्हें हिरासत में लिया जाए।
पीडीपी प्रमुख ने यह भी कहा कि कश्मीर के हालात को संभालने के लिए संवाद और विश्वास बहाली की ज़रूरत है, न कि दमनकारी नीतियों की। उन्होंने अंतरराष्ट्रीय समुदाय और मानवाधिकार संगठनों से भी अपील की कि वे कश्मीर में हो रही इन कार्रवाइयों पर ध्यान दें।
इस पूरे घटनाक्रम ने एक बार फिर घाटी की राजनीति को गरमा दिया है और विपक्षी दलों ने सरकार से आप विधायक मलिक की रिहाई की मांग की है।
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