केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने माओवादियों को चेतावनी देते हुए कहा कि अब बातचीत का समय नहीं है और उन्हें केंद्र सरकार की आकर्षक समर्पण-पुनर्वास नीति को अपनाना चाहिए। उन्होंने यह स्पष्ट किया कि जो लोग बस्तर की शांति भंग करने के लिए हथियार उठाएंगे, उन्हें सुरक्षा बलों द्वारा कड़ा और सटीक जवाब दिया जाएगा।
अमित शाह ने बताया कि सरकार ने माओवादियों को सुरक्षित समर्पण और सामाजिक-पुनर्वास के अवसर देने की योजना तैयार की है। इस योजना के तहत हथियार डालने वाले माओवादी सुरक्षित रहेंगे और उन्हें रोजगार, शिक्षा और सामाजिक पुनर्वास जैसे लाभ मिलेंगे। उनका कहना था कि यह अवसर माओवादी हिंसा से बाहर निकलने और समाज में वापस लौटने का सुवर्ण अवसर है।
गृह मंत्री ने यह भी कहा कि बस्तर में शांति और विकास की सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए सुरक्षा बल पूरी तरह तैनात हैं। उन्होंने जोर देकर कहा कि हथियार उठाकर या हिंसक गतिविधियों में शामिल होने वाले किसी भी व्यक्ति को बख्शा नहीं जाएगा।
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विशेषज्ञों के अनुसार, सरकार की यह नीति माओवादियों को शांति और विकास की राह पर लौटने के लिए प्रोत्साहित करती है और साथ ही स्थानीय लोगों की सुरक्षा और सामाजिक स्थिरता सुनिश्चित करने में मदद करती है।
अमित शाह के बयान से यह भी स्पष्ट होता है कि केंद्र सरकार माओवादी हिंसा के खिलाफ कड़ा रुख अपनाने के लिए गंभीर है। उनका संदेश सरल और सटीक था: “हथियार डालो और लाभ उठाओ, या शांति भंग करने वालों को सजा भुगतनी होगी।
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