असम के मुख्यमंत्री हिमंत बिस्वा सरमा ने हाल ही में एक अधिकारी की संपत्ति की जांच पर बयान दिया है। उन्होंने कहा कि गिरफ्तार अधिकारी की संपत्ति उसके कानूनी आय से 400 गुना अधिक पाई गई है। यह खुलासा भ्रष्टाचार और अनुचित धन संचय के मामलों में सरकारी तंत्र की गंभीरता को दर्शाता है।
मुख्यमंत्री ने बताया कि केवल निलंबन या नौकरी से बर्खास्तगी जैसी सामान्य सजा पर्याप्त नहीं मानी जा रही है। अधिकारी के खिलाफ कानून के अनुसार पूरी तरह जवाबदेही सुनिश्चित करने के लिए विशेष दंडात्मक उपाय अपनाए जा रहे हैं। उनका कहना है कि किसी भी सरकारी अधिकारी को कानून के खिलाफ कार्य करने पर बचाया नहीं जाएगा।
सरमा ने यह भी बताया कि जांच प्रक्रिया में वित्तीय लेन-देन, संपत्ति के स्रोत और धन के लेन-देन के दस्तावेजों का विस्तार से अध्ययन किया जा रहा है। यह कदम यह सुनिश्चित करने के लिए उठाया गया है कि दोषी अधिकारी पर उचित कानूनी कार्रवाई हो और भविष्य में किसी भी सरकारी पदाधिकारी द्वारा भ्रष्टाचार करने की संभावना कम हो।
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विशेषज्ञों का कहना है कि इस तरह के मामले सरकारी विभागों में पारदर्शिता बढ़ाने और भ्रष्टाचार को रोकने के लिए महत्वपूर्ण हैं। असम सरकार की कार्रवाई अन्य राज्यों के लिए भी एक मिसाल हो सकती है कि कैसे उच्च पदस्थ अधिकारियों के खिलाफ कठोर कदम उठाए जा सकते हैं।
मुख्यमंत्री ने जनता से भी अपील की कि वे भ्रष्टाचार के मामलों में सरकारी अधिकारियों के खिलाफ सही जानकारी साझा करें और ऐसे मामलों को उजागर करने में सहयोग करें।
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