यूरोपीय संघ (EU) ने संकेत दिया है कि वह रूस से मिलने वाली ऊर्जा पर निर्भरता को अपेक्षा से तेज़ गति से समाप्त करने का प्रस्ताव लाने जा रहा है। यूरोपीय आयोग की अध्यक्ष उर्सुला वॉन डेर लेयेन ने कहा कि मौजूदा हालात में यह कदम आवश्यक है ताकि रूस पर आर्थिक दबाव बढ़ाया जा सके और यूरोप अपनी ऊर्जा सुरक्षा को मजबूत कर सके।
वॉन डेर लेयेन ने बताया कि उन्होंने अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप से भी इस विषय पर बातचीत की है। इस बातचीत में दोनों नेताओं ने रूस के खिलाफ अतिरिक्त आर्थिक कदम उठाने और संयुक्त प्रयासों को मजबूत करने पर सहमति जताई। उनका कहना था कि यदि यूरोप और अमेरिका मिलकर कदम उठाते हैं, तो रूस पर अधिक प्रभावी दबाव डाला जा सकता है।
यूरोप लंबे समय से प्राकृतिक गैस और तेल के लिए रूस पर निर्भर रहा है। लेकिन यूक्रेन युद्ध और उसके बाद लगाए गए अंतरराष्ट्रीय प्रतिबंधों के चलते यह निर्भरता यूरोपीय देशों के लिए चिंता का विषय बन गई है। कई सदस्य देश पहले ही वैकल्पिक ऊर्जा स्रोतों की ओर रुख कर चुके हैं, जिनमें नवीकरणीय ऊर्जा, परमाणु ऊर्जा और अन्य देशों से आयात शामिल है।
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विशेषज्ञों का मानना है कि यूरोपीय संघ का यह प्रस्ताव रूस की अर्थव्यवस्था पर सीधा असर डालेगा, क्योंकि उसकी आय का बड़ा हिस्सा ऊर्जा निर्यात से आता है। साथ ही, यह कदम यूरोप की दीर्घकालिक ऊर्जा नीति और जलवायु परिवर्तन से निपटने की रणनीति के अनुरूप भी है।
यह प्रस्ताव अगले कुछ हफ्तों में आधिकारिक रूप से प्रस्तुत किया जा सकता है, जिसके बाद सदस्य देशों के बीच चर्चा और अनुमोदन की प्रक्रिया शुरू होगी।
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