हमास ने मिस्र में इज़राइल के साथ शुरू होने वाली वार्ता से पहले फिलिस्तीनी कैदियों की तत्काल रिहाई की मांग की है। संगठन ने कहा है कि जब तक कैदियों की रिहाई की दिशा में ठोस कदम नहीं उठाए जाते, तब तक किसी भी समझौते को सफल नहीं कहा जा सकता।
सूत्रों के अनुसार, अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप की मध्यस्थता योजना के तहत इज़राइल 250 आजीवन कारावास भुगत रहे फिलिस्तीनी कैदियों को रिहा करने पर सहमत हुआ है। इसके अलावा, 7 अक्टूबर 2023 के बाद गाजा पट्टी से गिरफ्तार किए गए 1,700 से अधिक बंदियों को भी रिहा करने की योजना है। यह कदम क्षेत्र में तनाव को कम करने और शांति बहाली के लिए एक महत्वपूर्ण संकेत माना जा रहा है।
मिस्र में होने वाली वार्ता में इज़राइली, फिलिस्तीनी और अमेरिकी प्रतिनिधि शामिल होंगे। माना जा रहा है कि यह वार्ता गाजा में चल रहे संघर्षविराम, मानवीय सहायता और कैदी विनिमय प्रक्रिया जैसे मुद्दों पर केंद्रित होगी।
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हमास के प्रवक्ता ने कहा कि “हम केवल शब्दों से नहीं, बल्कि ठोस कार्रवाई की उम्मीद करते हैं। फिलिस्तीनी परिवार वर्षों से अपने प्रियजनों की रिहाई का इंतजार कर रहे हैं।” दूसरी ओर, इज़राइल ने इस कदम को “शांति प्रक्रिया की दिशा में एक आवश्यक लेकिन संवेदनशील कदम” बताया है।
विश्लेषकों का मानना है कि अगर यह समझौता सफल होता है, तो यह मध्य पूर्व में लंबे समय से जारी संघर्ष को कुछ हद तक कम कर सकता है और दोनों पक्षों के बीच विश्वास बहाली का मार्ग प्रशस्त कर सकता है।
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