केंद्रीय संचार मंत्री अश्विनी वैष्णव ने घोषणा की है कि भारत के पहले स्वदेशी चिप्स से बने टेलीकॉम सिस्टम को टेलीकम्युनिकेशन इंजीनियरिंग सेंटर (TEC) का प्रमाणन प्राप्त हो गया है। यह उपलब्धि भारत की प्रौद्योगिकी आत्मनिर्भरता की दिशा में एक बड़ी छलांग मानी जा रही है।
टीईसी प्रमाणन भारत सरकार के दूरसंचार विभाग (DoT) के अधीन काम करने वाला आधिकारिक अनुमोदन है, जो यह सुनिश्चित करता है कि कोई भी दूरसंचार उपकरण गुणवत्ता, सुरक्षा और मानकों के अनुरूप है। इसका मिलना यह साबित करता है कि भारत अब अपने स्वदेशी चिप्स और तकनीक पर आधारित दूरसंचार प्रणाली को व्यावसायिक और औद्योगिक उपयोग के लिए उपलब्ध करा सकता है।
वैष्णव ने कहा कि यह प्रमाणन न केवल तकनीकी उत्कृष्टता को दर्शाता है, बल्कि यह भी साबित करता है कि भारत धीरे-धीरे विदेशी आयात पर निर्भरता को कम करते हुए अपने घरेलू अनुसंधान और नवाचार को मजबूत कर रहा है। उन्होंने इसे प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के “आत्मनिर्भर भारत” अभियान का अहम हिस्सा बताया।
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विशेषज्ञों के अनुसार, स्वदेशी चिप्स और सिस्टम पर आधारित दूरसंचार ढांचा भारत की सुरक्षा और साइबर आत्मनिर्भरता को भी मजबूत करेगा। इससे न केवल डेटा संरक्षण को बढ़ावा मिलेगा, बल्कि विदेशी कंपनियों पर निर्भरता भी घटेगी।
यह विकास दूरसंचार उद्योग के लिए एक निर्णायक कदम है, क्योंकि अभी तक भारत का टेलीकॉम क्षेत्र बड़े पैमाने पर आयातित चिप्स और उपकरणों पर निर्भर था। अब स्वदेशी तकनीक के चलते स्थानीय उद्योगों और स्टार्टअप्स के लिए भी नए अवसर खुलेंगे।
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