गुजरात एंटी-टेररिज्म स्क्वाड (ATS) ने एक बेहद खतरनाक आतंकी साजिश को नाकाम कर दिया है, जिसमें इस्लामिक स्टेट (ISIS) से जुड़े एक मॉड्यूल ने राइसिन नामक घातक रासायनिक जहर का इस्तेमाल कर देशभर में हमले की योजना बनाई थी। राइसिन कैस्टर बीन्स के तेल निकालने की प्रक्रिया के दौरान प्राप्त होने वाला अत्यंत जहरीला पदार्थ है। यह सांस लेने, इंजेक्शन या निगलने पर तुरंत प्रभावी और जानलेवा हो जाता है। इसे पाउडर, पेलेट, एयरोसोल या पानी में घोलकर भी तैयार किया जा सकता है।
पिछले सप्ताह गुजरात ATS ने तीन लोगों को गिरफ्तार किया, जिनमें अहमद मोहियुद्दीन सैयद शामिल है—हैदराबाद का डॉक्टर जिसने चीन की यूनिवर्सिटी से पढ़ाई की है। ATS ने उसके पास से तीन किलोग्राम कैस्टर पल्प, पांच लीटर एसीटोन और तेल निकालने वाली मशीन (कोल्ड प्रेस) जब्त की, जो राइसिन बनाने में उपयोग हो सकती थी।
ATS को अहमदाबाद के ग्रैंड एम्बियंस होटल का सीसीटीवी फुटेज भी मिला, जिसमें 7 नवंबर की शाम मोहियुद्दीन को होटल से निकलते हुए देखा गया। जांच में पता चला कि इस मॉड्यूल का एक और सदस्य मोहम्मद सुहैल—लखीमपुर, उत्तर प्रदेश का निवासी—भी हथियार और गोला-बारूद संभाल रहा था। उसके घर से ISIS के झंडे बरामद हुए।
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इसी बीच दिल्ली के लाल किले के बाहर अमोनियम नाइट्रेट से भरी Hyundai i20 को एक आत्मघाती हमलावर ने उड़ा दिया, जिसमें 15 लोगों की मौत हो गई। यह 2008 के बाद दिल्ली पर सबसे बड़ा हमला माना जा रहा है। लाल किला हमले में शामिल कई आतंकी फरीदाबाद के अल-फलाह अस्पताल में डॉक्टर के रूप में काम कर रहे थे, जिनके पाकिस्तान स्थित जैश-ए-मोहम्मद और संभवतः गाज़ा स्थित हमास से भी संबंध होने की आशंका जताई गई है।
जांच में कई अस्पतालों के लॉकरों से हथियार मिले हैं, जिनमें GMC अनंतनाग के डॉक्टर आदिल अहमद राथर के लॉकर से बरामद असॉल्ट राइफल और डॉक्टर शाहिन सईद की कार से मिला हथियार शामिल है।
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