काजीरंगा राष्ट्रीय उद्यान की निदेशक सोनाली घोष को अंतरराष्ट्रीय स्तर पर प्रतिष्ठित आईयूसीएन (IUCN) नवाचार पुरस्कार से सम्मानित किया गया है। वह यह पुरस्कार प्राप्त करने वाली पहली भारतीय अधिकारी बन गई हैं। यह सम्मान उन्हें अबू धाबी में आयोजित एक विशेष समारोह में प्रदान किया गया।
सोनाली घोष को यह पुरस्कार राष्ट्रीय उद्यानों और संरक्षित क्षेत्रों में नवाचारपूर्ण प्रबंधन और संरक्षण उपायों के लिए दिया गया है। उनके साथ इक्वाडोर के राजनेता और पर्यावरणविद् रोक सिमोन सेविला लारेआ को भी यह पुरस्कार प्रदान किया गया।
सोनाली घोष ने काजीरंगा राष्ट्रीय उद्यान में समुदाय-आधारित संरक्षण मॉडल, वन्यजीव निगरानी के लिए तकनीकी नवाचार और स्थानीय जनसहभागिता बढ़ाने जैसे कई पहल किए हैं। उनके नेतृत्व में पार्क प्रशासन ने डिजिटल सर्विलांस सिस्टम, एंटी-पोचिंग तकनीक और वन्यजीव डेटा प्रबंधन में महत्वपूर्ण सुधार किए हैं।
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घोष ने पुरस्कार प्राप्त करने के बाद कहा कि यह सम्मान केवल उनके लिए नहीं, बल्कि “भारत के हर वन अधिकारी और संरक्षणकर्मी के प्रयासों की पहचान” है। उन्होंने कहा कि काजीरंगा का संरक्षण केवल सरकार की नहीं, बल्कि स्थानीय समुदायों की भी साझी जिम्मेदारी है, और उनका यह मॉडल अब अन्य संरक्षित क्षेत्रों में भी लागू किया जा रहा है।
आईयूसीएन (इंटरनेशनल यूनियन फॉर कंजर्वेशन ऑफ नेचर) के अधिकारियों ने सोनाली घोष के कार्यों को “वैश्विक स्तर पर प्रेरणादायक” बताया और कहा कि उनका दृष्टिकोण आने वाले वर्षों में संरक्षण नीति निर्धारण के लिए मार्गदर्शक बनेगा।
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