मुख्य न्यायाधीश (CJI) जस्टिस भूषण रामकृष्ण गवई ने कहा कि भारत आज जिस मजबूती और एकता के साथ खड़ा है, उसका श्रेय डॉ. बी.आर. अंबेडकर द्वारा निर्मित संविधान को जाता है। उन्होंने कहा कि भारत अपने अशांत पड़ोसी देशों की तुलना में आज भी लोकतांत्रिक, स्थिर और सशक्त है, और इसका मुख्य कारण एक सशक्त संवैधानिक ढांचा है।
जस्टिस गवई ने कहा कि संविधान ने न केवल भारत की संवैधानिक संस्थाओं को मजबूत बनाया, बल्कि सामाजिक विविधता और राजनीतिक मतभेदों के बावजूद देश को एक सूत्र में बांधे रखा। उन्होंने कहा कि आज जब कई पड़ोसी देश राजनीतिक अस्थिरता और सामाजिक अशांति का सामना कर रहे हैं, भारत अपनी लोकतांत्रिक प्रणाली और संवैधानिक मर्यादाओं के कारण स्थिर बना हुआ है।
उन्होंने आगे कहा, “भारत का संविधान हर नागरिक को समान अधिकार देता है। यह हमें सिखाता है कि भिन्नताओं के बावजूद हम एकजुट रह सकते हैं। यही भावना हमें दुनिया के सबसे बड़े लोकतंत्र के रूप में विशिष्ट बनाती है।”
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जस्टिस गवई ने संविधान निर्माता डॉ. अंबेडकर की दृष्टि की सराहना करते हुए कहा कि उनकी दूरदृष्टि और न्यायपूर्ण विचारों ने एक ऐसे भारत की नींव रखी जो न्याय, स्वतंत्रता, समानता और बंधुत्व के मूल्यों पर आधारित है।
उन्होंने यह भी कहा कि आने वाली पीढ़ियों का दायित्व है कि वे इस संविधान की गरिमा और मूल भावना को बनाए रखें, ताकि भारत हमेशा एकजुट और मजबूत बना रहे।
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