बांग्लादेश में जारी अशांति के बीच एक भारतीय छात्र का बयान सामने आया है, जिसने मौजूदा हालात पर गंभीर चिंता जताई है। पश्चिम बंगाल का रहने वाला यह छात्र, जो बांग्लादेश में पढ़ाई कर रहा है, कहता है कि “हिंदू होने से ज़्यादा भारतीय होने पर डर महसूस होता है।” छात्र के अनुसार, हाल के महीनों में बांग्लादेश में भारतीय नागरिकों के प्रति माहौल तेजी से बदला है।
इसी बीच, भारत में भी इस मुद्दे को लेकर तनाव देखने को मिला। मंगलवार (23 दिसंबर, 2025) को विश्व हिंदू परिषद (VHP) और बजरंग दल के सैकड़ों समर्थक दिल्ली स्थित कड़े सुरक्षा घेरे वाले बांग्लादेश उच्चायोग के पास एकत्र हुए। केसरिया झंडे थामे और बांग्लादेश में एक हिंदू व्यक्ति की कथित लिंचिंग के विरोध में नारेबाजी करते हुए प्रदर्शनकारियों ने बैरिकेड्स तोड़े और पुलिस से झड़प की।
इन घटनाओं के बाद बांग्लादेश के विदेश मंत्रालय ने भारत में बांग्लादेशी मिशनों की सुरक्षा को लेकर चिंता जताते हुए भारतीय उच्चायुक्त प्रणय वर्मा को तलब किया। मंत्रालय ने एक बयान में कहा कि नई दिल्ली में बांग्लादेश उच्चायोग और राजदूत आवास के बाहर 20 दिसंबर को हुई घटनाओं तथा 22 दिसंबर को सिलीगुड़ी स्थित वीज़ा सेंटर में “विभिन्न चरमपंथी तत्वों” द्वारा की गई तोड़फोड़ पर ढाका ने गहरी चिंता व्यक्त की है। इसके साथ ही भारत में बांग्लादेश के अन्य कूटनीतिक मिशनों के बाहर हुए हिंसक प्रदर्शनों पर भी आपत्ति जताई गई है।
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बांग्लादेश में पढ़ रहे पश्चिम बंगाल के छात्र ने बताया कि वर्ष 2024 के मध्य तक भारतीयों के लिए वहां रहना और आवास पाना आसान था, लेकिन अब स्थिति पूरी तरह उलट गई है। उनके अनुसार, पूर्व प्रधानमंत्री शेख हसीना के देश छोड़ने के बाद हालात बिगड़ गए हैं और शांतिपूर्ण प्रदर्शनकारियों की जगह अब भीड़ ने ले ली है, जिनमें से कई को यह भी नहीं पता कि वे किस बात के लिए लड़ रहे हैं।
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