पंजाब में किसान मजदूर संगठन ने बाढ़ से प्रभावित किसानों के लिए मुआवजे की मांग को लेकर प्रदर्शन किया। संगठन ने सरकार के पराली जलाने पर कड़े कदम उठाने और बाढ़ प्रभावित किसानों की मदद करने में असंगति के लिए आलोचना की।
मोर्चा के नेताओं ने कहा कि हाल ही में राज्य के कई इलाकों में आई भारी बारिश और बाढ़ ने किसानों की फसलों और कृषि संपत्ति को भारी नुकसान पहुँचाया है। उन्होंने सरकार से आग्रह किया कि प्रभावित किसानों को तत्काल राहत पैकेज और मुआवजा प्रदान किया जाए ताकि वे अपने जीवन और कृषि गतिविधियों को सामान्य कर सकें।
प्रदर्शन के दौरान किसानों ने सड़क किनारे नारेबाजी और प्रदर्शन किया, जिससे यह संदेश सरकार तक पहुँचे कि किसानों की समस्याओं को नजरअंदाज नहीं किया जा सकता। मोर्चा ने कहा कि किसानों की आर्थिक सुरक्षा और राहत राज्य की प्राथमिकता होनी चाहिए।
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संगठन ने यह भी कहा कि बाढ़ और अन्य प्राकृतिक आपदाओं के समय सरकार द्वारा की जाने वाली सहायता समय पर और पर्याप्त होनी चाहिए। किसानों के अनुसार, यदि जल्दी राहत नहीं दी जाती है, तो वे कर्ज और आर्थिक संकट में फंस सकते हैं।
विशेषज्ञों का मानना है कि ऐसे आंदोलनों से सरकार पर किसानों की समस्याओं को गंभीरता से लेने का दबाव बढ़ता है। पंजाब में कृषि और किसान कल्याण के मुद्दे अक्सर राजनीतिक और सामाजिक बहस का केंद्र बने रहते हैं।
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