NCERT ने नई कला पाठ्यपुस्तकें जारी की हैं, जो छात्रों को भारतीय शास्त्रीय नृत्य और संगीत की दुनिया से परिचित कराएंगी। इन किताबों का उद्देश्य विशेषज्ञता विकसित कराना नहीं है, बल्कि बुनियादी अवधारणाओं को छात्रों तक पहुँचाना है। पाठ्यक्रम में राग, ताल, मुद्राएं और शास्त्रीय नृत्य के तत्व शामिल किए गए हैं, जिन्हें छात्र अपने प्रोजेक्ट्स और गतिविधियों में प्रयोग कर सकते हैं।
नई पाठ्यपुस्तकों में QR कोड का भी समावेश किया गया है। इन कोड्स को स्कैन करने पर छात्र ऑडियो और वीडियो सामग्री तक पहुँच सकते हैं, जिससे पढ़ाई अधिक इंटरैक्टिव और व्यावहारिक हो जाती है। इससे छात्रों को न केवल सैद्धांतिक ज्ञान मिलेगा, बल्कि वे संगीत और नृत्य के अनुभव को महसूस भी कर सकेंगे।
शिक्षकों का कहना है कि यह नई पहल छात्रों में कला और संस्कृति के प्रति रुचि बढ़ाएगी। छात्र विभिन्न रागों और नृत्य मुद्राओं के बारे में जानकर अपनी सांस्कृतिक समझ को विस्तृत कर पाएंगे। साथ ही, यह पाठ्यक्रम डिजिटल और प्रोजेक्ट-आधारित शिक्षण को भी प्रोत्साहित करता है।
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विशेषज्ञों के अनुसार, इस पाठ्यक्रम से छात्रों को भारतीय सांस्कृतिक विरासत की गहन समझ मिलेगी और वे कला के विभिन्न रूपों के प्रति संवेदनशील और जागरूक बनेंगे। इससे केवल कला शिक्षा ही नहीं, बल्कि संपूर्ण शैक्षणिक अनुभव भी समृद्ध होगा।
इस प्रकार, NCERT की नई कला पाठ्यपुस्तकें भारतीय शास्त्रीय संगीत और नृत्य को छात्रों तक पहुँचाने का एक महत्वपूर्ण माध्यम बनेंगी और आधुनिक तकनीक के उपयोग से सीखने की प्रक्रिया को अधिक सजीव और आकर्षक बना
NCERT ने नई कला पाठ्यपुस्तकें जारी की हैं, जो छात्रों को भारतीय शास्त्रीय नृत्य और संगीत की दुनिया से परिचित कराएंगी। इन किताबों का उद्देश्य विशेषज्ञता विकसित कराना नहीं है, बल्कि बुनियादी अवधारणाओं को छात्रों तक पहुँचाना है। पाठ्यक्रम में राग, ताल, मुद्राएं और शास्त्रीय नृत्य के तत्व शामिल किए गए हैं, जिन्हें छात्र अपने प्रोजेक्ट्स और गतिविधियों में प्रयोग कर सकते हैं।
नई पाठ्यपुस्तकों में QR कोड का भी समावेश किया गया है। इन कोड्स को स्कैन करने पर छात्र ऑडियो और वीडियो सामग्री तक पहुँच सकते हैं, जिससे पढ़ाई अधिक इंटरैक्टिव और व्यावहारिक हो जाती है। इससे छात्रों को न केवल सैद्धांतिक ज्ञान मिलेगा, बल्कि वे संगीत और नृत्य के अनुभव को महसूस भी कर सकेंगे।
शिक्षकों का कहना है कि यह नई पहल छात्रों में कला और संस्कृति के प्रति रुचि बढ़ाएगी। छात्र विभिन्न रागों और नृत्य मुद्राओं के बारे में जानकर अपनी सांस्कृतिक समझ को विस्तृत कर पाएंगे। साथ ही, यह पाठ्यक्रम डिजिटल और प्रोजेक्ट-आधारित शिक्षण को भी प्रोत्साहित करता है।
विशेषज्ञों के अनुसार, इस पाठ्यक्रम से छात्रों को भारतीय सांस्कृतिक विरासत की गहन समझ मिलेगी और वे कला के विभिन्न रूपों के प्रति संवेदनशील और जागरूक बनेंगे। इससे केवल कला शिक्षा ही नहीं, बल्कि संपूर्ण शैक्षणिक अनुभव भी समृद्ध होगा।
इस प्रकार, NCERT की नई कला पाठ्यपुस्तकें भारतीय शास्त्रीय संगीत और नृत्य को छात्रों तक पहुँचाने का एक महत्वपूर्ण माध्यम बनेंगी और आधुनिक तकनीक के उपयोग से सीखने की प्रक्रिया को अधिक सजीव और आकर्षक बनाएंगी।
NCERT ने नई कला पाठ्यपुस्तकें जारी की हैं, जो छात्रों को भारतीय शास्त्रीय नृत्य और संगीत की दुनिया से परिचित कराएंगी। इन किताबों का उद्देश्य विशेषज्ञता विकसित कराना नहीं है, बल्कि बुनियादी अवधारणाओं को छात्रों तक पहुँचाना है। पाठ्यक्रम में राग, ताल, मुद्राएं और शास्त्रीय नृत्य के तत्व शामिल किए गए हैं, जिन्हें छात्र अपने प्रोजेक्ट्स और गतिविधियों में प्रयोग कर सकते हैं।
नई पाठ्यपुस्तकों में QR कोड का भी समावेश किया गया है। इन कोड्स को स्कैन करने पर छात्र ऑडियो और वीडियो सामग्री तक पहुँच सकते हैं, जिससे पढ़ाई अधिक इंटरैक्टिव और व्यावहारिक हो जाती है। इससे छात्रों को न केवल सैद्धांतिक ज्ञान मिलेगा, बल्कि वे संगीत और नृत्य के अनुभव को महसूस भी कर सकेंगे।
शिक्षकों का कहना है कि यह नई पहल छात्रों में कला और संस्कृति के प्रति रुचि बढ़ाएगी। छात्र विभिन्न रागों और नृत्य मुद्राओं के बारे में जानकर अपनी सांस्कृतिक समझ को विस्तृत कर पाएंगे। साथ ही, यह पाठ्यक्रम डिजिटल और प्रोजेक्ट-आधारित शिक्षण को भी प्रोत्साहित करता है।
विशेषज्ञों के अनुसार, इस पाठ्यक्रम से छात्रों को भारतीय सांस्कृतिक विरासत की गहन समझ मिलेगी और वे कला के विभिन्न रूपों के प्रति संवेदनशील और जागरूक बनेंगे। इससे केवल कला शिक्षा ही नहीं, बल्कि संपूर्ण शैक्षणिक अनुभव भी समृद्ध होगा।
इस प्रकार, NCERT की नई कला पाठ्यपुस्तकें भारतीय शास्त्रीय संगीत और नृत्य को छात्रों तक पहुँचाने का एक महत्वपूर्ण माध्यम बनेंगी और आधुनिक तकनीक के उपयोग से सीखने की प्रक्रिया को अधिक सजीव और आकर्षक बनाएगी।
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