इज़राइल के प्रधानमंत्री बेनजामिन नेतन्याहू ने संयुक्त राष्ट्र महासभा (UNGA) में अपने आगामी संबोधन से पहले फिलिस्तीनी राज्य को मान्यता देने वाले नेताओं की आलोचना की है। उन्होंने कहा कि इज़राइल अपनी सच्चाई को पूरी दुनिया के सामने रखेगा और इस मामले में किसी भी तरह के दबाव या आलोचना को नजरअंदाज करेगा।
नेतन्याहू 26 सितंबर, 2025 को UNGA में संबोधन करेंगे। उनके इस संबोधन को अंतरराष्ट्रीय समुदाय काफी ध्यान से देख रहा है, क्योंकि इसमें इज़राइल-फिलिस्तीन विवाद, मध्य पूर्व की सुरक्षा और क्षेत्रीय राजनीति को लेकर उनकी नीति स्पष्ट होगी। उन्होंने यह भी कहा कि वह संयुक्त राष्ट्र में इज़राइल की स्थिति और दृष्टिकोण को मजबूती से प्रस्तुत करेंगे।
प्रधानमंत्री ने आलोचना की कि कुछ देश और नेता फिलिस्तीनी राज्य को मान्यता देकर एकतरफा रुख अपनाते हैं, जबकि वास्तविकता में इज़राइल की सुरक्षा और हितों को नजरअंदाज किया जा रहा है। उनके अनुसार, इस तरह के कदम शांति प्रयासों को प्रभावित कर सकते हैं और क्षेत्रीय स्थिरता के लिए खतरा बन सकते हैं।
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विशेषज्ञों का कहना है कि नेतन्याहू का यह संबोधन इज़राइल और फिलिस्तीन के बीच जारी तनाव, पश्चिम एशिया में अमेरिकी और अन्य वैश्विक शक्तियों की भूमिका और अंतरराष्ट्रीय कूटनीति में महत्वपूर्ण मोड़ साबित हो सकता है।
नेतन्याहू ने कहा कि उनका मकसद केवल इज़राइल के दृष्टिकोण को स्पष्ट करना है और किसी भी प्रकार के राजनीतिक दबाव में नहीं आएंगे। उनका यह संबोधन वैश्विक मंच पर इज़राइल की नीति और रणनीति को लेकर स्पष्ट संदेश देगा।
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