बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने गांवों में काम करने वाले 'विकास मित्रों' के लिए एक महत्वपूर्ण घोषणा की है। उन्होंने बताया कि हर विकास मित्र को टैब (Tablet) खरीदने के लिए 25,000 रुपये का भत्ता दिया जाएगा। इस कदम का उद्देश्य गांवों में सरकारी योजनाओं के लाभार्थियों तक सुविधाजनक और डिजिटल तरीके से सेवाओं को पहुंचाना है।
'विकास मित्र' उन कार्यकर्ताओं को कहा जाता है जो सीधे गांवों में रहकर अनुसूचित जाति (SC) और अनुसूचित जनजाति (ST) के लोगों को विभिन्न सरकारी योजनाओं और कल्याणकारी योजनाओं के लाभ पहुँचाते हैं। इन कार्यकर्ताओं का काम यह सुनिश्चित करना है कि योजनाओं का लाभ सही लोगों तक पहुंचे और कोई पात्र व्यक्ति छूट न जाए।
मुख्यमंत्री ने कहा कि डिजिटल उपकरणों के माध्यम से विकास मित्र अपने कार्य को और अधिक प्रभावी बना सकते हैं। टैब के जरिए वे योजनाओं की जानकारी रिकॉर्ड कर सकते हैं, लाभार्थियों की सूची अपडेट कर सकते हैं और सरकारी पोर्टल्स से सीधे डेटा एक्सेस कर सकते हैं।
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सरकारी अधिकारियों के अनुसार यह योजना न केवल काम की गति बढ़ाएगी, बल्कि पारदर्शिता और रिपोर्टिंग में भी सुधार लाएगी। इससे गांवों में डिजिटल साक्षरता बढ़ाने में भी मदद मिलेगी।
नीतीश कुमार की इस पहल से यह संदेश जाता है कि राज्य सरकार गांवों में विकास कार्यों को डिजिटल माध्यम से मजबूत करने और SC/ST समुदायों तक सरकारी योजनाओं के लाभ को सुनिश्चित करने के लिए गंभीर प्रयास कर रही है।
इस प्रकार, 'विकास मित्रों' को टैब खरीदने के लिए 25,000 रुपये भत्ता देने की घोषणा राज्य में डिजिटल विकास और प्रशासनिक दक्षता को बढ़ाने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है।
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