ओड़िशा में पंचायत अधिकारों को लेकर विवाद बढ़ने के बीच बीजेडी के कार्यकर्ताओं और पुलिस के बीच जोरदार भिड़ंत हुई। स्थानीय अधिकारियों और पुलिस के अनुसार, यह झड़प तब शुरू हुई जब बीजेडी के कार्यकर्ताओं ने पंचायत चुनाव और स्थानीय निकायों में अधिकारों के वितरण को लेकर विरोध प्रदर्शन किया।
घटनास्थल पर भारी संख्या में पुलिस बल तैनात किया गया था, लेकिन प्रदर्शनकारियों ने बाधा डालने का प्रयास किया। दोनों पक्षों के बीच हाथापाई और धक्कामुक्की हुई, जिससे क्षेत्र में तनाव का माहौल बन गया। पुलिस ने आरोपियों को काबू करने के लिए वाटर कैनन और काबू करने वाले अन्य उपायों का इस्तेमाल किया।
स्थानीय नेताओं का कहना है कि बीजेडी कार्यकर्ता पंचायत स्तर पर अधिक अधिकार और स्वतंत्रता की मांग कर रहे थे। उनका तर्क है कि ग्राम पंचायतों और ब्लॉक स्तर की व्यवस्थाओं में पारदर्शिता और जिम्मेदारी सुनिश्चित करने के लिए कार्यकर्ताओं को पर्याप्त अधिकार दिए जाने चाहिए।
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पुलिस ने इस मामले में कई लोगों को हिरासत में लिया और जांच शुरू कर दी है। अधिकारियों ने जनता से शांति बनाए रखने और विवाद को बढ़ावा न देने का अनुरोध किया। इस घटना ने ओड़िशा में स्थानीय प्रशासन और राजनीतिक दलों के बीच पंचायत अधिकारों को लेकर बढ़ते तनाव को उजागर किया है।
राजनीतिक विश्लेषकों का मानना है कि इस तरह की झड़पें राज्य में पंचायत चुनाव और स्थानीय प्रशासन की सशक्तिकरण प्रक्रिया को प्रभावित कर सकती हैं। वहीं, पुलिस और प्रशासन का कहना है कि कानून और व्यवस्था बनाए रखना सर्वोपरि है और किसी भी तरह के अराजकता को तुरंत नियंत्रित किया जाएगा।
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