कर्मचारी भविष्य निधि संगठन (EPFO) के सदस्यों के लिए राहतभरी खबर है। सरकार ने संकेत दिया है कि भविष्य निधि (PF) पेंशन में बढ़ोतरी का प्रस्ताव वर्तमान में कैबिनेट के विचाराधीन है। केंद्रीय मंत्री ने कहा कि इस कदम का उद्देश्य पेंशनभोगियों के जीवन स्तर और “Ease of Living” को बेहतर बनाना है।
मंत्री के अनुसार, केंद्रीय भविष्य निधि न्यासी बोर्ड (CBT) ने हालिया बैठक में EPF योजना के आंशिक निकासी (partial withdrawal) नियमों को सरल बनाने का भी निर्णय लिया है। मौजूदा प्रावधानों में कुल 13 अलग-अलग नियम थे, जिन्हें अब तीन श्रेणियों में समेकित किया जाएगा —
- मूलभूत आवश्यकताएं (जैसे बीमारी, शिक्षा, विवाह),
- आवास संबंधी आवश्यकताएं, और
- विशेष परिस्थितियाँ।
इस कदम का उद्देश्य प्रक्रिया को पारदर्शी, तेज़ और उपयोगकर्ता के अनुकूल बनाना है, ताकि सदस्य अपने फंड का उपयोग अधिक आसानी से कर सकें। नई व्यवस्था के तहत आवेदन प्रक्रिया डिजिटल होगी और अधिक दस्तावेज़ी औपचारिकताओं को हटाया जाएगा।
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सरकार ने यह भी स्पष्ट किया है कि पेंशन वृद्धि पर अभी अंतिम निर्णय नहीं हुआ है, लेकिन इस पर सक्रिय रूप से विचार हो रहा है। वर्तमान में न्यूनतम पेंशन ₹1,000 प्रति माह है, जिसे कई कर्मचारी संगठनों ने अपर्याप्त बताया है। रिपोर्टों के अनुसार, EPFO इस राशि को बढ़ाने के लिए वित्त मंत्रालय के साथ परामर्श कर रहा है।
नीति विशेषज्ञों का मानना है कि ये सुधार सामाजिक सुरक्षा तंत्र को मजबूत करेंगे और श्रमिकों के लिए वित्तीय सुरक्षा का दायरा बढ़ाएंगे।
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