फिलीपींस के राष्ट्रपति फर्डिनेंड मार्कोस जूनियर ने हाल ही में राजधानी मनीला में उभरे भ्रष्टाचार घोटाले से जुड़े विरोध प्रदर्शनों पर अपनी प्रतिक्रिया दी है। उन्होंने स्वीकार किया कि जनता का गुस्सा और असंतोष पूरी तरह से जायज़ है और सरकार को इस मुद्दे पर गंभीरता से ध्यान देना चाहिए।
यह घोटाला देश के एक बड़े बुनियादी ढांचा परियोजना से जुड़ा है, जिस पर करोड़ों डॉलर के अनियमित खर्च और ठेकेदारी में भ्रष्टाचार के आरोप लगे हैं। इस खुलासे के बाद से राजधानी और अन्य हिस्सों में लगातार प्रदर्शन हो रहे हैं। हाल ही में फिलीपींस विश्वविद्यालय परिसर में करीब 3,000 छात्रों ने सरकार के खिलाफ नारेबाजी करते हुए पारदर्शिता और जवाबदेही की मांग की।
राष्ट्रपति मार्कोस ने कहा कि सरकार इस मामले की गहन जाँच कर रही है और दोषियों को सख्त सज़ा दी जाएगी। उन्होंने यह भी दोहराया कि भ्रष्टाचार फिलीपींस की प्रगति में सबसे बड़ी बाधा है और इसे जड़ से खत्म करना आवश्यक है।
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विरोध प्रदर्शनों के बीच मार्कोस ने जनता से शांतिपूर्ण तरीके से अपनी बात रखने की अपील की, लेकिन यह भी स्पष्ट किया कि उनकी आवाज़ को अनसुना नहीं किया जाएगा। उन्होंने आश्वासन दिया कि आने वाले दिनों में जाँच रिपोर्ट सार्वजनिक की जाएगी और भ्रष्टाचार पर लगाम लगाने के लिए ठोस कदम उठाए जाएंगे।
राजनीतिक विश्लेषकों का मानना है कि यह घोटाला और इसके खिलाफ उठ रही आवाज़ें राष्ट्रपति मार्कोस की साख के लिए बड़ी चुनौती साबित हो सकती हैं। अगर सरकार ने सख्त कदम नहीं उठाए, तो जनता का विश्वास और कमजोर हो सकता है।
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