प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने रविवार (26 अक्टूबर 2025) को कुआलालंपुर में आयोजित भारत-आसियान (ASEAN) शिखर सम्मेलन को संबोधित करते हुए कहा कि 21वीं सदी भारत और आसियान देशों की सदी होगी। उन्होंने कहा कि भारत-आसियान व्यापक रणनीतिक साझेदारी (Comprehensive Strategic Partnership) वैश्विक स्थिरता और विकास के लिए एक सशक्त आधार बन रही है।
अपने छह मिनट लंबे वर्चुअल संबोधन में प्रधानमंत्री मोदी ने कहा, “2026 भारत-आसियान समुद्री सहयोग का वर्ष होगा।” उन्होंने बताया कि यह साझेदारी न केवल आर्थिक विकास बल्कि क्षेत्रीय सुरक्षा, समुद्री स्थिरता और लोगों के बीच संपर्क को भी मजबूत करेगी।
पीएम मोदी ने कहा कि आसियान भारत की “एक्ट ईस्ट पॉलिसी” (Act East Policy) का प्रमुख स्तंभ है, जो पूर्वी एशिया और प्रशांत क्षेत्र में भारत की कूटनीतिक, आर्थिक और सांस्कृतिक पहुंच को मजबूत बनाती है। उन्होंने कहा कि भारत, आसियान देशों के साथ व्यापार, प्रौद्योगिकी, समुद्री सुरक्षा और जलवायु परिवर्तन जैसे क्षेत्रों में गहराई से काम कर रहा है।
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प्रधानमंत्री ने बताया कि भारत-आसियान साझेदारी क्षेत्र में एक स्थायी और समावेशी भविष्य के लिए आधार तैयार कर रही है। उन्होंने साझा मूल्यों, लोकतंत्र और परस्पर विश्वास को सहयोग का केंद्र बताया।
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