राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (एनसीपी) के प्रमुख शरद पवार ने चुनाव आयोग को लेकर राहुल गांधी की हालिया टिप्पणियों और उस पर भाजपा की तीखी प्रतिक्रिया को लोकतांत्रिक संस्थाओं में अविश्वास को बढ़ाने वाला बताया है। पवार ने कहा कि एक संवैधानिक संस्था के खिलाफ उठाए गए सवालों का समाधान संवाद और पारदर्शिता से होना चाहिए, न कि राजनीतिक बयानबाज़ी से।
राहुल गांधी ने हाल ही में चुनाव आयोग की कार्यप्रणाली पर सवाल उठाए थे और कहा था कि यह संस्था स्वतंत्र और निष्पक्ष तरीके से काम नहीं कर रही है। उनके इस बयान पर भाजपा ने तीखी आलोचना की और इसे लोकतंत्र को कमजोर करने वाला कदम बताया।
इस बीच चुनाव आयोग ने राहुल गांधी के आरोपों को पूरी तरह गलत और बेबुनियाद करार दिया है। आयोग ने स्पष्ट किया कि उसकी कार्यप्रणाली संविधान और कानून के दायरे में है और किसी भी तरह के पक्षपात का सवाल ही नहीं उठता।
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शरद पवार ने कहा कि भाजपा की तीखी प्रतिक्रिया से यह विवाद और गहरा हुआ है। उन्होंने कहा कि लोकतांत्रिक ढांचे में चुनाव आयोग जैसी संस्थाओं की विश्वसनीयता बनाए रखना बेहद ज़रूरी है। अगर राजनीतिक दल आपसी आरोप-प्रत्यारोप में उलझेंगे तो आम जनता का विश्वास इन संस्थाओं से उठ सकता है।
उन्होंने सभी राजनीतिक दलों से अपील की कि चुनाव आयोग की स्वतंत्रता और निष्पक्षता पर सवाल उठाने के बजाय चुनावी सुधार और पारदर्शिता पर गंभीर चर्चा करें।
विशेषज्ञों का मानना है कि इस विवाद ने एक बार फिर चुनाव आयोग की भूमिका और उसकी निष्पक्षता पर बहस छेड़ दी है, जो आने वाले चुनावों में बड़ा मुद्दा बन सकता है।
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