अमेरिका के कई शहरों में मजदूर दिवस (Labour Day) के अवसर पर राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प की नीतियों के विरोध में बड़े पैमाने पर प्रदर्शन हुए। इन प्रदर्शनों में नागरिकों ने हाथों में पोस्टर और बैनर लेकर नारे लगाए, जिसमें उन्होंने ट्रम्प प्रशासन को “फासीवादी शासन” कहकर आलोचना की।
विशेष रूप से शिकागो और न्यूयॉर्क शहरों में प्रदर्शन आयोजित किए गए, जिनका आयोजन One Fair Wage नामक संगठन ने किया। इस संगठन ने प्रदर्शन के माध्यम से अमेरिकी मजदूरों की चुनौतियों और उनकी कामकाजी परिस्थितियों पर ध्यान आकर्षित करने का प्रयास किया। प्रदर्शनकारियों का कहना था कि ट्रम्प सरकार की नीतियां गरीब और मजदूर वर्ग के हितों के खिलाफ हैं।
प्रदर्शनकारियों ने अपने बैनरों पर लिखी गई मांगों में न्यूनतम मजदूरी बढ़ाने, सुरक्षित कार्यस्थल सुनिश्चित करने और श्रमिकों के अधिकारों की रक्षा करने जैसी मुख्य बातों को शामिल किया। उन्होंने मजदूरों की सामाजिक और आर्थिक सुरक्षा के लिए ठोस कदम उठाने की आवश्यकता पर जोर दिया।
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इस अवसर पर विभिन्न सामाजिक और राजनीतिक संगठनों ने भी समर्थन किया और सरकार से अपील की कि वह श्रमिक वर्ग के कल्याण को प्राथमिकता दें। विशेषज्ञों का मानना है कि अमेरिका में श्रमिक आंदोलनों की यह लहर यह दर्शाती है कि मजदूरों के मुद्दों पर नीति निर्माण में संतुलन और पारदर्शिता की आवश्यकता है।
प्रदर्शन शांतिपूर्ण रहे, लेकिन उन्होंने अमेरिकी राजनीतिक और सामाजिक परिदृश्य में श्रमिक अधिकारों और सरकार की नीतियों पर बहस को फिर से जोरदार ढंग से सामने लाया।
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