अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के प्रशासन ने एक बड़ा परिवर्तन करते हुए नेशनल रिन्यूएबल एनर्जी लेबोरेटरी (NREL) का नाम बदलकर नेशनल लैबोरेटरी ऑफ द रॉकीज कर दिया है। यह कदम स्वच्छ ऊर्जा से जुड़े संघीय संस्थानों की पहचान को पुनर्परिभाषित करने के प्रयास का हिस्सा माना जा रहा है।
गोल्डन, कोलोराडो स्थित यह ऊर्जा विभाग की 17 राष्ट्रीय प्रयोगशालाओं में से एक है, जो लंबे समय से नवीकरणीय ऊर्जा और ऊर्जा दक्षता के अनुसंधान, विकास, वाणिज्यिक उपयोग और तैनाती में अग्रणी रही है। इस प्रयोगशाला ने सौर सेल की दक्षता बढ़ाने और पवन ऊर्जा क्षेत्र में अहम तकनीकी प्रगति की है।
1 दिसंबर से प्रभावी इस नाम परिवर्तन को ऐसे समय में लागू किया गया है जब ट्रंप प्रशासन पवन और सौर ऊर्जा पर लगातार हमले कर रहा है और अमेरिका की ऊर्जा रणनीति को पारंपरिक ईंधनों की ओर मोड़ने की कोशिश कर रहा है। इससे पहले की सरकार द्वारा अपनाई गई हरित ऊर्जा नीति को भी लगातार कमजोर किया जा रहा है।
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प्रयोगशाला के निदेशक जड विर्डन ने कहा कि यह संस्थान दशकों से वैज्ञानिक नवाचार के क्षेत्र में देश को दिशा देता रहा है। उन्होंने बताया कि नया नाम ऊर्जा विभाग द्वारा दी गई व्यापक "एप्लाइड एनर्जी मिशन" को दर्शाता है, जिसमें किफायती, सुरक्षित और व्यापक ऊर्जा भविष्य पर जोर होगा।
उन्होंने कहा कि नई पहचान स्वच्छ ऊर्जा की भूमिका कम करने के लिए नहीं है, बल्कि ऊर्जा अनुसंधान के बड़े दायरे को दर्शाती है। हालांकि विश्लेषक इसे प्रशासन की हरित ऊर्जा विरोधी नीति से जोड़कर देख रहे हैं।
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