उत्तराखंड में लगातार हो रही भारी बारिश ने एक बार फिर तबाही मचाई है। राज्य के पहाड़ी इलाकों में मूसलाधार बारिश के कारण भूस्खलन की घटनाएं तेज़ी से बढ़ रही हैं। ताज़ा घटना में एक बड़े भूस्खलन ने आधा दर्जन घरों को पूरी तरह से जमींदोज कर दिया, जिसके मलबे में कम से कम पांच लोग लापता बताए जा रहे हैं। स्थानीय प्रशासन और आपदा प्रबंधन दल तुरंत घटनास्थल पर पहुंचे और राहत-बचाव अभियान शुरू कर दिया है।
प्रशासन ने प्रभावित क्षेत्रों में अलर्ट जारी कर लोगों से सुरक्षित स्थानों पर जाने की अपील की है। भारी बारिश के चलते कई सड़कें बंद हो गई हैं और यातायात बुरी तरह प्रभावित हुआ है। ग्रामीण इलाकों में संपर्क मार्ग टूटने से राहत कार्यों में भी कठिनाई आ रही है। आपदा प्रबंधन विभाग ने बताया कि लापता लोगों की तलाश जारी है और भारी मशीनरी की मदद से मलबा हटाया जा रहा है।
राज्य सरकार ने अधिकारियों को हालात पर लगातार निगरानी रखने और प्रभावित परिवारों को हर संभव मदद मुहैया कराने के निर्देश दिए हैं। स्थानीय लोगों को अस्थायी शिविरों में शिफ्ट किया जा रहा है। विशेषज्ञों का मानना है कि लगातार हो रही बारिश से भूस्खलन का खतरा और बढ़ सकता है, इसलिए अगले कुछ दिनों तक सतर्कता बेहद जरूरी है।
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उत्तराखंड जैसे संवेदनशील पहाड़ी राज्यों में मानसून हर साल इस तरह की आपदाएं लेकर आता है। पर्यावरणविदों का कहना है कि अनियंत्रित निर्माण और वनों की कटाई से पहाड़ी इलाकों की संवेदनशीलता और बढ़ गई है। ऐसे में दीर्घकालिक आपदा प्रबंधन योजनाओं की जरूरत पहले से कहीं ज्यादा महसूस हो रही है।
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