मिजोरम के मुख्यमंत्री लालदुहोमा ने देश के विभिन्न राज्यों में क्रिसमस के दौरान हुई घटनाओं पर गहरी चिंता जताते हुए कहा है कि इस तरह की तोड़फोड़ और व्यवधान संवैधानिक मूल्यों के पूरी तरह खिलाफ है। उन्होंने कहा कि भारत का संविधान सभी नागरिकों को अपने धर्म का पालन करने और त्योहार शांतिपूर्ण तरीके से मनाने का अधिकार देता है, और किसी भी समुदाय के धार्मिक आयोजनों में बाधा डालना अस्वीकार्य है।
इस वर्ष क्रिसमस से पहले और उसके दौरान असम, छत्तीसगढ़, मध्य प्रदेश, राजस्थान और दिल्ली समेत कई राज्यों में दक्षिणपंथी संगठनों द्वारा कार्यक्रमों में व्यवधान, विरोध प्रदर्शन और तोड़फोड़ की घटनाएं सामने आईं। इन घटनाओं ने धार्मिक सौहार्द और सामाजिक एकता को लेकर चिंता बढ़ा दी है।
मुख्यमंत्री लालदुहोमा ने कहा कि भारत विविधताओं से भरा देश है, जहां सभी धर्मों और संस्कृतियों को समान सम्मान दिया जाना चाहिए। उन्होंने जोर देकर कहा कि किसी भी तरह की हिंसा, डराने-धमकाने या धार्मिक आयोजनों को बाधित करने की कोशिश देश की लोकतांत्रिक और संवैधानिक भावना के विपरीत है।
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लालदुहोमा के नेतृत्व में मिजोरम में जोरम पीपुल्स मूवमेंट (ZPM) की सरकार है। मिजोरम एक ईसाई बहुल राज्य है, जहां क्रिसमस बड़े उत्साह और शांति के साथ मनाया जाता है। उन्होंने स्पष्ट किया कि उनकी पार्टी न तो भाजपा के नेतृत्व वाले एनडीए गठबंधन का हिस्सा है और न ही कांग्रेस के नेतृत्व वाले इंडिया गठबंधन का।
मुख्यमंत्री ने केंद्र और राज्य सरकारों से अपील की कि वे ऐसे मामलों में सख्ती से कार्रवाई करें और यह सुनिश्चित करें कि सभी समुदाय बिना डर और दबाव के अपने-अपने त्योहार मना सकें। उन्होंने कहा कि धार्मिक सहिष्णुता और आपसी सम्मान ही भारत की असली ताकत है, जिसे किसी भी कीमत पर कमजोर नहीं होने दिया जाना चाहिए।
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