दिल्ली सरकार द्वारा जारी हालिया रिपोर्ट में यह तथ्य सामने आया है कि तकनीकी और सेवा क्षेत्रों में महिलाओं की हिस्सेदारी अभी भी काफी कम है। रिपोर्ट के अनुसार, इन दोनों क्षेत्रों में काम करने वाले कर्मचारियों में केवल एक चौथाई महिला हैं, जबकि बाकी तीन-चौथाई पुरुष हैं।
रिपोर्ट में यह भी स्पष्ट किया गया है कि समान भूमिका और जिम्मेदारियों के बावजूद महिलाएं पुरुषों की तुलना में कम वेतन प्राप्त करती हैं। विशेषज्ञों का कहना है कि यह अंतर केवल वेतन का नहीं है, बल्कि महिलाओं के करियर विकास और उच्च पदों तक पहुंचने की संभावनाओं पर भी असर डालता है।
दिल्ली सरकार की यह रिपोर्ट समाज में लैंगिक असमानता को उजागर करती है। तकनीकी और सेवा क्षेत्रों में तेजी से विस्तार होने के बावजूद महिलाओं की भागीदारी सीमित रहना चिंता का विषय है। इसके पीछे कई कारण हैं, जैसे कार्यस्थल पर असमान अवसर, लिंग आधारित भेदभाव और पारिवारिक जिम्मेदारियों के कारण करियर में व्यवधान।
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रिपोर्ट में यह सुझाव भी दिया गया है कि कंपनियों को महिलाओं को समान अवसर देने के लिए सक्रिय कदम उठाने चाहिए। इसमें वेतन समानता सुनिश्चित करना, महिलाओं के लिए नेतृत्व विकास कार्यक्रम और कार्यस्थल में लिंग संवेदनशील नीतियों को लागू करना शामिल है।
विशेषज्ञ मानते हैं कि यदि तकनीकी और सेवा क्षेत्रों में महिलाओं की भागीदारी बढ़ाई जाती है और वेतन अंतर को कम किया जाता है, तो यह न केवल महिलाओं के लिए बल्कि अर्थव्यवस्था और समाज के लिए भी लाभकारी होगा।
दिल्ली सरकार की यह रिपोर्ट इस दिशा में जागरूकता बढ़ाने का प्रयास है और इसे नीतिगत सुधारों और कॉर्पोरेट संस्कृति में बदलाव की आवश्यकता के रूप में देखा जा रहा है।
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