एप्पल ने अपने नए A19 प्रो चिपसेट को पेश किया है, जिसे कंपनी की सबसे बड़ी तकनीकी छलांग माना जा रहा है। इस चिप का मुख्य आकर्षण है न्यूरल एक्सेलेरेटर्स, जिन्हें सीधे GPU कोर में एम्बेड किया गया है। इसका अर्थ है कि अब एआई संचालन सीधे उस जगह किए जाएंगे जहां ग्राफिक्स प्रोसेस हो रहे हैं। यह बदलाव ऑन-डिवाइस एआई की क्षमता को नाटकीय रूप से बढ़ा सकता है।
तकनीकी विशेषज्ञों का मानना है कि एप्पल का यह कदम स्मार्टफोन उद्योग में एआई उपयोग के नए मानक स्थापित करेगा। अब भारी-भरकम एआई प्रोसेसिंग के लिए क्लाउड सर्वर पर निर्भरता कम होगी और फोन पर ही तेज़, सुरक्षित और व्यक्तिगत एआई अनुभव मिल सकेगा। इससे न केवल गोपनीयता मजबूत होगी बल्कि ऊर्जा खपत और प्रोसेसिंग समय भी कम होगा।
लेखक ने अपने पहले कॉलम में नए iPhone Air के डिज़ाइन और यूज़र एक्सपीरियंस पर फोकस किया था। इस बार ध्यान केंद्रित किया गया है iPhone Pro और Pro Max मॉडलों के दिल यानी A19 प्रो चिप पर। कंपनी ने कैमरा, बैटरी और डिस्प्ले में कई सुधार किए हैं, लेकिन सबसे बड़ी तकनीकी उपलब्धि यही चिप मानी जा रही है।
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एप्पल का दावा है कि A19 प्रो न केवल गेमिंग और ग्राफिक्स को और वास्तविक बनाएगा, बल्कि एआई आधारित एप्लिकेशनों—जैसे रीयल-टाइम ट्रांसलेशन, इमेज प्रोसेसिंग और वॉयस असिस्टेंस—को भी बेहद सुचारु बनाएगा।
यह चिपसेट एप्पल को प्रतिस्पर्धियों से आगे ले जाने की क्षमता रखता है। विश्लेषकों का मानना है कि यह वास्तव में स्मार्टफोन एआई इकोसिस्टम के लिए गेम चेंजर साबित हो सकता है।
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